कुपोषित आदिवासी बच्ची को मिला जीवन

अतिकुपोषित साढ़े 4 किलो की बच्ची 2मई को जिला अस्पताल दमोह ,में किसी दयालु पड़ोसी की मदद से लाई गई।
मरणासन्न हालत में आई बच्ची को बिना देर किए, डॉक्टर्स ने देखा। मरीज की गम्भीरता देखते हुए डॉक्टर्स ने उसे तत्काल पी आई सी यू में भर्ती कराया,जो कि बच्चों का आई सी यु होता है।3-4 दिन भर्ती रखकर मरीज की समस्त जांचे की गईं,जांचों में पाया गया कि बच्ची अतिकुपोषित है,रक्त में प्रोटीन एवम खून की गम्भीर कमी से पीड़ित है।बच्ची के जीवन के बचने की आस छोड़ चुके परिजनों ने,स्टाफ ने इलाज पूरी ततपरता से जारी रखा।कहते है कर्म करो,फल की इच्छा मत करो,फलस्वरूप बच्ची पुनः जीवन की ओर लौटी।पी आई सी यु के बाद बच्ची को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया गया,विशेष फार्मूला डाइट और दवाओं के उपचार से बच्ची के स्वास्थ्य में निरंतर सुधार हुआ।
पोषण पुनर्वास केंद्र के प्रभारी डॉ सुनील जैन ने बच्ची के बारे में जानकारी देते हुए बताया,कि आशा से आसमान टिका होता है।इस केस में निराश परिजनों पर चिकित्सकीय स्टाफ का बच्ची के स्वस्थ होने को लेकर आशान्वित बने रहना,एवम अपना काम ईमानदारी से करना रंग लाया है।
पी आई सी यू के इंचार्ज एवम सिविल सर्जन डॉ राजेश नामदेव ने बताया कि जिस हाल में बच्ची आई थी,और अब जिस स्थिति में बच्ची का स्वास्थ्य है,वह बड़ा संतोषजनक है।पोषण पुनर्वास केंद्र एवम पी आई सी यु दोनो जगह का स्टाफ बधाई का पात्र है।