बेमेतरा विस्फोट के बाद लापता है सात लोग
DNA से होगी पहचान; फारेंसिंक टीम ने मानव अवशेषों के नमूने किए इकट्ठे

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा में शनिवार को बारूद कारखाने में हुए भीषण विस्फोट के दूसरे दिन भी लापता लोगों की संख्या पर धुंध छाई रही। जिला पुलिस अधीक्षक ने दावा किया कि सात लोग लापता हैं। जबकि ग्रामीणों व लापता लोगों के स्वजन का दावा है कि जिस यूनिट में विस्फोट हुआ वहां नौ लोग लापता हैं। इसमें से आठ लोग छत्तीसगढ़ और एक मंडला (मध्यप्रदेश) का है।प्रशासन ने विस्फोट के बाद मिले मानव अवशेषों की डीएनए जांच से पहचान सुनिश्चित करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। फारेंसिंक टीम ने मानव अवशेषों के नमूने इकट्ठे किए हैं। बता दें कि शनिवार को हुए विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
मलबे में किसी के जीवित होने की संभावना न के बराबर
इधर, विस्फोटस्थल पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम ने मोर्चा संभाल लिया है। सेना की टीम ने भी मौके पर जाकर कैंप कर रहे जिला प्रशासन की टीम के लिए सहायता का हाथ बढ़ाया। जमीदोज हो चुकी कारखाने की दो मंजिला यूनिट का मलबा हटाने का काम जारी है। मलबे में किसी के जीवित होने की संभावना न के बराबर है। कारखाने के परिसर में ही अस्थाई पुलिस कैंप भी तैयार किया गया है। लापता लोगों के स्वजन फैक्ट्री के बाहर 48 घंटे से भी ज्यादा समय से आस लगाए बैठे हैं।
छत्तीसगढ़ क्रांति सेना कर रही है प्रदर्शन
ग्रामीणों को साथ लेकर छत्तीसगढ़ क्रांति सेना प्रदर्शन कर रही है। कांग्रेस ने पूर्व विधायक अनीता योगेंद्र शर्मा की अगुवाई में जांच टीम गठित की गई है। टीम ने भी मौके पर जाकर घटना स्थल का मुआयना किया है।
मांग पूरी करवाने को धरने पर बैठे ग्रामीण
लापता नौ लोगों की सटीक जानकारी नहीं देने के कारण ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। फैक्ट्री के सामने सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण धरने पर बैठे हैं। उनका कहना है कि जबतक हमें जानकारी नहीं दी जाती तबतक हम लोग नहीं हटेंगे। इसके साथ ही विस्फोट में मरने वालों लोगों के स्वजन को फैक्ट्री की तरफ से 50-50 लाख रुपये मुआवजा की मांग कर रहे हैं।