भोजशाला में सुबह 6 घंटे तक चला सर्वे मुस्लिम समाज ने दोपहर में पढ़ी नमाज

धार. केंद्रीय पुरातत्व विभाग के अधीन धार की भोजशाला में वैज्ञानिक पद्धति से सर्वेक्षण चल रहा है. आज सर्वे का 64वां दिन रहा, एएसआई की टीम ने अल सुबह से ही सर्वे के तहत काम शुरु कर दिया था. दोपहर 12 बजे तक टीम ने करीब 6 घंटे में ही आज का सर्वे समाप्त कर दिया, जिसके बाद मुस्लिम समाज के लोगों को नमाज पढ़ने के लिए प्रवेश दिया.
समाज के लोग न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं करने पर सांकेतिक रूप से विरोध करते हुए हाथों में काली पट्टी बांधकर पहुंचे थे. इधर, शुक्रवार होने के चलते भोजशाला परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया था.
शुक्रवार की सुबह एएसआई के 11 अधिकारी, कर्मचारी, 45 मजदूरों व पक्षकारों की मौजूदगी में सर्वे किया गया. भोजशाला के गर्भगृह, उत्तर, पश्चिमी व दक्षिण क्षेत्र में लेबलिंग के साथ ही मिट्टी हटाने का काम हुआ हैं. अधिकारियों की संख्या कम होने के कारण सर्वे की गति जरूर धीमी रही. मिट्टी हटाने का काम लगातार जारी है. जानकारी के अनुसार, उत्तर और दक्षिण क्षेत्र में की गई खुदाई में 3-3 फीट गहराई और बढ़ गई है. अब 18 फीट तक खुदाई हो चुकी है. अब मशीनों के आने का इंतजार है. तभी यह सर्वे व्यापक और वैज्ञानिक रूप से होगा. अगले सप्ताह मशीनों के आने की उम्मीद जताई गई है. भीतरी भाग में सर्वे के तहत वीडियो ग्राफी, फोटोग्राफी, क्लीनिंग और ब्रशिंग का काम भी चल रहा है.
काली पट्टी बांधकर पहुंचे
दरअसल, पिछले शुक्रवार को कमाल मोला नमाज इंतेजामिया कमेटी के सदर जुल्फिकार पठान ने बताया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है. मस्जिद परिसर में लगातार खुदाई की जा रही हैं, ऐसे में समाज के लोग इसका विरोध करेंगे. ऐसे में आज शुक्रवार को मुस्लिम समाज के लोग यहां पर जुम्मे की नमाज पढ़ने के लिए पहुंचते है, जिसमें शामिल होने पहुंचे कई लोग हाथों में काली पटटी बांधकर पहुंचे. शहर काजी वकार सादिक के अनुसार जुम्मे की नमाज पढ़ी गई, जिसमें शहर व मुल्के शांति बनी रहे. इसके लिए दुआएं की गई, समाज के लोग काली पट्टी बांधकर विरोध करने आए थे, यह विरोध किसी धर्म व समाज को लेकर नहीं था. सिर्फ मांग रखी गई कि हाई कोर्ट के बाद उच्चतम न्यायालय ने भी फिजिकल एक्सिवेशन नहीं करने के लिए कहा था. हालांकि, हमने देखा कि दक्षिण हिस्से में काम किया गया. मस्जिद के आसपास 15 से 17 फीट तक खुदाई की गई, जिससे इमारत को क्षति पहुंचने की संभावना है. समाज के लोगों ने विरोध जताया है. अंत में राष्ट्रपति के नाम का एक ज्ञापन भी नायब तहसीलदार को सौंपा गया.