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अमेरिकी वॉरशिप के जवाब में घातक Kh-31 मिसाइलों से लैस Su-30 MK2 फाइटर जेट्स, पिद्दी से देश की ट्रंप को चुनौती

वेनेजुएला और अमेरिका के बीच तनातनी नए मोड़ पर पहुंच चुकी है. अमेरिकी नौसेना ने जब कैरिबियन सागर में युद्धपोत और स्टील्थ फाइटर्स तैनात किए तो वेनेजुएला ने भी अपने सबसे घातक हथियार मैदान में उतार दिए. राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार ने रूसी मूल के Su-30 MK2 फाइटर जेट्स को तैनात कर दिया है, जिन्हें Kh-31 सुपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइलों से लैस किया गया है. यह कदम अमेरिकी युद्धपोतों की मौजूदगी को सीधी चुनौती माना जा रहा है. छोटे से लैटिन अमेरिकी देश ने दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य ताकत अमेरिका को यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह किसी भी कीमत पर अपनी संप्रभुता की रक्षा करेगा.

 

“सॉवरेन कैरिबियन 200” नामक इन अभ्यासों की शुरुआत 18 सितंबर से ला ऑर्चिला द्वीप पर हुई. रक्षा मंत्री व्लादिमिर पाद्रिनो ने राष्ट्रीय टीवी पर कहा कि यह युद्धाभ्यास अमेरिका द्वारा की गई “अन्यायपूर्ण आक्रामकता” का जवाब है. अमेरिका की ओर से तीन Arleigh Burke क्लास डिस्ट्रॉयर, USS Iwo Jima जैसे उभयचर जहाज़ और F-35B स्टील्थ फाइटर्स पहले ही तैनात किए जा चुके हैं. इसके अलावा MQ-9 रीपर ड्रोन और परमाणु पनडुब्बी भी इस ऑपरेशन का हिस्सा हैं.

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