असम की अवैध खदान में तीसरे दिन भी फंसे रहे तीन रैट माइनर
बचाव अभियान में लगी NDRF और SDRF की टीम

डिब्रूगढ़। असम के तिनसुकिया जिले की अवैध कोयला खदान में तीन रैट माइनर सोमवार को तीसरे दिन भी फंसे रहे। हालांकि, उन्हें बचाने की कोशिशें लगातार जारी हैं। गत रविवार लगभग 12.30 बजे लेडो में टिकोक कोलियरी के अंतर्गत बारगोलाई और नामदांग के बीच अवैध टिकोक पश्चिम खदान में अचानक भूस्खलन के कारण रैट माइनर्स फंस गए थे।तिनसुकिया जिला आयुक्त स्वप्निल पाल ने कहा कि स्थानीय प्रशासन के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ रैट माइनर्स को खोजने के लिए जारी खोज एवं बचाव अभियान में लगे हैं। मलबे को खोदने के लिए एक्सकेवेटर्स (मशीनों) का प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है और आरोपितों का पता लगाने के लिए जांच जारी है।
नेपाल और मेघालय के रहने वाले हैं तीनों रैट माइनर
उन्होंने बताया कि फंसे रैट माइनरों की पहचान नेपाल के भोजपुर निवासी दावा शेरपा और मेघालय के जान एवं फेनाल के रूप में की गई है। हालांकि जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि संदेह है कि तीनों रैट माइनर मर चुके हैं और उनके शव मलबे में दबे है लेकिन शव बरामदगी से पहले कुछ भी नहीं जा सकता है।