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आरओ-एआरओ और पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्र को जमानत

नई दिल्ली,यूपी की सियासत में भूचाल ला देने वाले आरओ-एआरओ और पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्र उर्फ राहुल मिश्रा को आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजीव नयन की जमानत याचिका को मंजूर कर लिया है. मतलब अब जेल में बंद पेपर लीक मामले का मास्टरमाइंड जल्द ही जेल की सलाखों से बाहर आ जाएगा. राजीव नयन मिश्रा का नाम तब सामने आया था जब 11 फरवरी को आयोजित आरओ/एआरओ की परीक्षा के बाद पेपर लीक की बात सामने आई थी. यही नहीं पेपर लीक होने के मामले में कई दिनों तक प्रयागराज स्थित लोक सेवा आयोग के मुख्यालय में पेपर देने वाले हजारों अभियर्थियों ने धरना प्रदर्शन कर पेपर को रद्द करने की मांग की थी, जिसके बाद  यूपी सरकार ने पेपर लीक मामले में आरओ/एआरओ परीक्षा रद्द करते हुए जांच यूपी एसटीएफ को सौंप दी थी.पुलिस जांच के दौरान इस पेपर को लीक कराने के मामले में पुलिस ने शिकंजा कसते हुए प्रयागराज के यमुनानगर जोन के मेजा इलाके में रहने वाले राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया. यहीं नहीं जैसे-जैसे पुलिस जांच आगे बढ़ती रही वैसे ही पुलिस ने पेपर लीक मामले के तार जोड़ते हुए करीब 20 से ज्यादा और लोगों को गिरफ्तार किया था. लेकिन अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरओ-एआरओ पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा को आज जमानत दे दी है

जिससे अब उसके जेल से बाहर आने का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है. लेकिन वहीं राजीव नयन मिश्रा को जमानत मिलने के बाद यूपी सरकार के लिए भी ये एक बड़ा झटका माना जा रहा है. यानी इस मामले में सरकार की तरफ से सही और ठोस पैरवी न हो पाने की वजह से राजीव को सारे मामलों में जमानत मिल गई है. यही नहीं राजीव नयन को 17 और 18 फरवरी को आयोजित यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती के पेपर लीक मामले का भी मास्टरमाइंड पुलिस द्वारा बताया गया है. बाद में सरकार ने दोनों ही परीक्षाओं को रद्द कर दिया था.

3 और मामलों में मिली जमानत

राजीव नयन मिश्रा के खिलाफ दोनों पेपर लीक मामलों में प्रयागराज, नोएडा, मेरठ और कौशांबी में दर्ज मामलों में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उसको जमानत दे दी है. सभी मामलों में सरकार की लचर और कमज़ोर पैरवी रही. राजीव के वकीलों ने कोर्ट में अपनी दलीलें रखते हुए कोर्ट को बताया कि चार शहरों में दर्ज मामलों में किसी भी एफआईआर में राजीव मिश्रा का नाम दर्ज नहीं है. राजीव के साथ पकड़े गए ज्यादातर सह अभियुक्त को पहले ही जमानत मिल चुकी है जिसके चलते राजीव के वकीलों की दलीलों को बल मिला और उसको  सभी मामलों में जमानत मिल गई.

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