
तेलअवीव: गाजा युद्ध के बीच भारत के इजरायल को विस्फोटक भेजने के खुलासे के बाद फलस्तीन टेंशन में आ गया है। फलस्तीन और भारत के बीच हमेशा से ही बहुत अच्छे संबंध रहे हैं। भारत ने अलग फलस्तीन देश का भी खुलकर समर्थन किया है ताकि पश्चिम एशिया में स्थायी शांति की स्थापना हो सके। इस बीच फलस्तीन ने भारत से गुहार लगाई है कि वह इजरायल को हथियार निर्यात करने के फैसले पर फिर से विचार करे। फलस्तीन ने कहा कि इस हथियारों का इस्तेमाल गाजा में फलस्तीनी लोगों की हत्या में किया जा सकता है। इससे पहले भारत ने 27 टन विस्फोटक इजरायल भेजा था जिसे स्पेन ने अपने बंदरगाह पर रुकने की अनुमति देने से मना कर दिया था। स्पेन ने कहा था कि पश्चिम एशिया को शांति की जरूरत है न कि हथियार की।फलस्तीन के विदेश राज्य मंत्री वार्सेन अगाबेकिआन ने रामल्ला में गुरुवार को फलस्तीन में भारतीय प्रतिनिधि रेणु यादव से कहा कि भारत इजरायल को हथियार देने के फैसले पर फिर से विचार करे। फलस्तीन की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘इजरायल मुख्य रूप से दुनिया में मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। इजरायल पर हर तरफ से दबाव डाला जाना चाहिए ताकि वह हमारे गाजा पट्टी के लोगों के खिलाफ नरसंहार, भुखमरी और विस्थापन को रोके।’ फलस्तीनी मंत्री ने भारतीय प्रतिनिधि से यह मुलाकात ऐसे समय पर की है जब ऐसी खबर आई कि भारत ने अपनी सरकारी और निजी कंपनियों से कहा है कि वह इजरायल को अपने प्रॉडक्ट बेच सकती हैं।
भारत ने फलस्तीन देश का किया समर्थन
इजरायल ने 7 अक्टूबर के हमास के हमले के बाद गाजा पर जोरदार हमला बोल रखा है। इस हमले में हजारों की तादाद में लोग मारे गए हैं। वहीं अभी तक इजरायली बंदी हमास के कब्जे में हैं। व वायर की रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने छोटे और भारी कैलिबर वाले गोला बारूद, मोर्टार, रॉकेट और ग्रेनेड को निर्यात करने की अनुमति दे दी है। भारतीय कंपनियों ने इससे पहले जनवरी में इन हथियारों को निर्यात करने की अनुमति दी थी। इस बीच पिछले सप्ताह स्पेन के एक अखबार ने दावा किया था कि उनके देश की सरकार ने भारत के विस्फोटक से लदे जहाज को अपने बंदरगाह पर रुकने की अनुमति नहीं दी थी।