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इसरो के वैज्ञानिकों ने अमेरिकी सैटेलाइट से मिले डेटा का इस्तेमाल करके राम सेतु का अब तक का सबसे विस्तृत नक्शा बनाया

नई दिल्ली: इसरो के वैज्ञानिकों ने अमेरिकी सैटेलाइट से मिले डेटा का इस्तेमाल करके राम सेतु का अब तक का सबसे विस्तृत नक्शा बनाया है। इस नक्शे से भारत और श्रीलंका के बीच बने जमीनी पुल के निर्माण को लेकर चल रहे विवादों को सुलझाने में मदद मिलने की उम्मीद है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने अमेरिका के एक उपग्रह से प्राप्त डेटा का इस्तेमाल करके राम सेतु, जिसे एडम्स ब्रिज भी कहा जाता है, उसका पहला समुद्र के नीचे का विस्तृत मैप तैयार किया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि राम सेतु के निर्माण को लेकर लंबे समय से चले आ रहे विवादों को सुलझाने में मदद मिल सकती है।यह नक्शा 29 किमी लंबे राम सेतु का पहला पानी के नीचे का नक्शा है, जो समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 8 मीटर दर्शाता है। इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर के वैज्ञानिकों ने ‘साइंटिफिक रिपोर्ट्स’ जर्नल में प्रकाशित अपने अध्ययन में कहा, ‘यह रिपोर्ट नासा के उपग्रह ICESat-2 के जल पारगम्य फोटॉन का इस्तेमाल करके एडम्स ब्रिज के बारे में जरूरी डिटेल्स प्रदान करने वाली पहली रिपोर्ट है। हमारे निष्कर्ष एडम्स ब्रिज और इसकी उत्पत्ति की समझ को और बेहतर बनाने में सहायक हो सकते हैं।यह उपग्रह एक लेजर अल्टीमीटर से लैस है जो समुद्र के उथले क्षेत्रों में किसी भी संरचना की ऊंचाई को मापने के लिए फोटॉन या प्रकाश कणों को पानी में प्रवेश करने की अनुमति देता है। एडम्स ब्रिज भारत में रामेश्वरम द्वीप के दक्षिण-पूर्वी प्वाइंट धनुषकोडी से श्रीलंका के मन्नार द्वीप में तलाईमन्नार के उत्तर-पश्चिमी छोर तक फैला है। यह चूना पत्थर की छिछली चट्टानों की एक श्रृंखला से बनी पानी के नीचे की चोटी है, जिसके कुछ हिस्से पानी के ऊपर दिखाई देते हैं, लेकिन यहां कोई चट्टान या वनस्पति नहीं है।

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