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उत्तराखंड में भारी बर्फबारी, माणा एवलांच के रेस्क्यू में आ रहीं दिक्कतें; IMD का रेड अलर्ट जारी

 

 उत्तराखंड में हो रही भारी बर्फबारी से चमोली के माणा एवलांच के बाद शुरू हुए ऑपरेशन में परेशानी आ रही है. माणा में भारी बर्फबारी के बीच राहत-बचाव कार्य में लगे जवान लगातार श्रमिकों को बाहर निकालने की कोशिश में जुटे हैं. लेकिन बर्फबारी और रात का समय होने से कई तरह की मुश्किलें सामने आ रही हैं. इसके बाद भी रेस्क्यू ऑपरेशन को बंद नहीं किया गया है. रात में भी लगातार रेस्क्यू टीम अपने काम में जुटी है.

रेस्क्यू ऑपरेशन से अभी तक 33 मजदूर निकाले गए बाहर

रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए अभी तक 33 मजूदरों को बाहर निकाल लिया गया है. हालांकि 24 अब भी फंसे हैं. मौके पर राहत-बचाव कार्य जारी है और दबे हुए मजदूरों को निकालने का काम तेजी से किया जा रहा है. SDRF, NDRF, जिला प्रशासन, आईटीबीपी और बीआरओ की टीमें मौके पर हैं. मालूम हो कि उत्तराखंड में बीते 24 घंटों से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है. जिससे जन-जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. इसी बीच शुक्रवार को चमोली में ग्लेशियन टूटने से बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) के 57 मजदूर फंस गए. माणा में ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन कितना टफ है, इसे वहां से आए तस्वीरों के जरिए सहज ही समझा जा सकता है.

दूसरी ओर भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) उत्तराखंड के मौसम (Uttarakhand Weather Update) को लेकर जो पूर्वानुमान जारी किया है, उसने और चिंता बढ़ा दी है. आईएमडी ने बर्फबारी को लेकर अलर्ट भी जारी किया है. आईएमडी के मुताबिक, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग समेत अन्य जिलों में बारिश और बर्फबारी की स्थिति अभी बनी रहेगी.

मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट

उत्तराखंड मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि आज रात के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है. आज रात में 3000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अच्छी खासी बर्फबारी की संभावना है. चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी में  बर्फबारी हो सकती है. पहाड़ के कई क्षेत्रों में हल्की बारिश हो सकती है. कल सुबह के बाद प्रदेश में मौसम ठीक हो सकता है. शनिवार सुबह 10 बजे के बाद उत्तराखंड में मौसम साफ होने की संभावना जताई गई है.बताते चले कि चमोली के माणा गांव में बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) का काम चल रहा है. शुक्रवार को यहां एक ग्लेशियर टूटा है. यही रास्ता बद्रीनाथ की ओर जाता है. ग्लेशियर टूटने के बाद इसकी चपेट में आने से बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) के 57 मजदूर दब गए. जिसमें से 33 को बाहर निकाला जा चुका है. बताया जा रहा है कि मजदूर वहां कंटेनर में सो रहे थे. इसी दौरान कंटेनर के ऊपर हिमस्खलन हुआ. भारी बर्फबारी के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा आ रही है. मज़दूरों के 8 से 10 फ़ुट बर्फ के नीचे दबे होने का अंदेशा है. जोशीमठ से हवाई मार्ग के जरिये SDRF की टीमें भेजी गई हैं. मुश्किल ये है कि घटना स्थल से 30 किलोमीटर सड़क पर बर्फ जमी है- यानी वहां पहुंचना भी मुश्किल है.

चमोली को दोपहर में लगातार बर्फबारी होती रही. तापमान 15 डिग्री का था लेकिन ठंड माइनस 30 डिग्री जैसी लगती रही.

सीएम धामी लगातार ले रहे अपडेट

इस घटना पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी लगातार नजर बनाए हैं. उन्होंने चमोली जिले के माणा में हिमस्खलन की घटना के बाद चल रहे बचाव अभियान की समीक्षा के लिए चमोली डीएम के साथ बातचीत की. उन्हें जरूरी निर्देश भी दिए. चमोली हिमस्खलन पर उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया, “शाम 5:00 बजे तक 32 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया था. बाकी 25 लोगों को निकालने की प्रक्रिया जारी है. चमोली जिले में बद्रीनाथ धाम से 6 किलोमीटर आगे हिमस्खलन में फंसे लोगों को बचाने के लिए राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है.” चमोली हिमस्खलन पर जिला मजिस्ट्रेट संदीप तिवारी ने भी बताया कि 57 में से 33 श्रमिकों को बचा लिया गया है.”

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