
भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानंद ने नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट में दुनिया के नंबर एक मैग्नस कार्लसन पर अपनी पहली क्लासिकल गेम जीत दर्ज की। उन्होंने इस जीत के साथ नॉर्वे चेस टूर्नामेंट में बढ़त भी हासिल कर ली है। 18 वर्षीय प्रज्ञानंद ने कई बार रैपिड शतरंजा या फिर प्रदर्शनी मैचों में कार्लसन को हराया है, लेकिन क्लासिकल गेम में यह कार्लसन पर उनकी पहली जीत रही। उन्होंने तीन राउंड के बाद 5.5 अंकों के साथ शीर्ष स्थान हासिल कर लिया है।
क्या होता है क्लासिकल चेस?
प्रज्ञानंद सफेद मोहरों से खेल रहे थे और उनकी जीत ने कार्लसन को अंक तालिका में पांचवें स्थान पर पहुंचा दिया। क्लासिकल चेस, जिसे धीमी शतरंज के रूप में भी जाना जाता है, खिलाड़ियों को अपनी चाल चलने के लिए काफी समय देता है, आमतौर पर खिलाड़ी इसमें कम से कम एक घंटे का समय भी ले सकता है। कार्लसन और प्रज्ञानंद ने इस प्रारूप में अपने पिछले तीन मुकाबले ड्रॉ खेले थे।