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जम्मू-कश्मीर में तीन, हरियाणा में एक चरण में होगा चुनाव

चुनाव आयोग ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है।जम्मू-कश्मीर में चुनाव तीन चरणों में होगा जबकि हरियाणा में एक ही चरण में चुनाव संपन्न कराया जाएगा। दोनों राज्यों के लिए पड़ने वाली वोटों का परिणाम 4 अक्टूबर को आएगा। चुनावों की घोषणा के साथ ही दोनों राज्यों में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई। हालांकि, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के साथ अन्य दो राज्य महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव नहीं कराए जाएंगे। इनकी घोषणा बाद में की जाएगी। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि 19 अगस्त को अमरनाथ यात्रा संपन्न होने के अगले दिन 20 अगस्त को ही 90 विधानसभा सीटों वाले जम्मू-कश्मीर में पहले चरण के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। इसी के साथ उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने भी शुरू कर दिए जाएंगे। पहले चरण के लिए 27 अगस्त तक पर्चे भरे जा सकेंगे, 28 अगस्त को भरे गए पर्चों की जांच और 30 अगस्त तक उम्मीदवार के नाम वापस लेने की लास्ट डेट होगी।

  • पहले चरण के लिए 18 सितंबर को वोट डाली जाएंगी। इसी तरह से यहां दूसरे चरण के लिए 29 अगस्त को अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। 5 सितंबर तक नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि होगी। 9 सितंबर तक उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकते हैं और 25 सितंबर को दूसरे चरण के लिए वोट डाली जाएंगी।
  • इसी तरह से जम्मू-कश्मीर में तीसरे चरण के चुनाव के लिए 5 सितंबर को अधिसूचना जारी की जाएगी, 12 सितंबर तक नामांकन पत्र दाखिल किए जा सकेंगे और 17 सितंबर तक नाम वापस लेने की डेट होगी। 1 अक्टूबर को वोट डालने का दिन होगा। 90 विधानसभा सीटों वाले जम्मू-कश्मीर में 87 लाख नौ हजार वोटर हैं। इनमें 44 लाख 46 हजार मेल और 42 लाख 62 हजार फीमेल वोटर हैं।
  • हालांकि, इनमें अभी और बदलाव हो सकता है, क्योंकि वोटर लिस्ट अपडेट का काम चल रहा है। जिसे 20 अगस्त को फाइनल रूप से पब्लिश किया जाएगा। साल 2019 में 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव होंगे। जम्मू-कश्मीर में इससे पहले 2014 के नवंबर-दिसंबर में पांच चरणों में विधानसभा चुनाव हुए थे। तब लद्दाख भी इसका पार्ट था।
  • आयोग ने कहा कि पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर में चुनाव की तैयारियां का जायजा लिया गया था। उसमें तैयारियां पूरी दिखाई दी थी। रही बात आतंकी हमलों की तो कोई भी बाहरी या अंदरूनी ताकत चुनावी प्रक्रिया को पटरी से नहीं उतार सकती। यहां 11,838 पोलिंग स्टेशन पर वोट डाले जाएंगे। इनमें शहरी इलाकों में 2332 और ग्रामीण इलाकों में 9506 पोलिंग स्टेशन होंगे। इन पोलिंग स्टेशनों में 90 को दिव्यांग, 90 को महिला कर्मचारी वोट डलवाने की तमाम प्रक्रियाएं पूरी करेंगे। जबकि 360 पोलिंग स्टेशन मॉडल होंगे।

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