मध्य प्रदेश

ढाई लाख रुपये लौटाना ना पड़े इसलिये की बैंककर्मी की हत्या, पुलिस ने किया खुलासा

उज्जैन। बैंककर्मी की हत्या में शामिल 3 युवकों को पुलिस ने 12 घंटे बाद हिरासत में ले लिया। उधार रुपयों को लेकर हत्या को अंजाम दिया गया था। बैंक कर्मी को मारने से पहले योजना बनाई गई थी। तीनों को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया गया है।
बिछड़ौद में रहने वाले यूको बैंक कर्मचारी लखन पिता सुरेन्द्र राठौर (25) की गुरुवार सुबह क्षेत्र के सुनसान मार्ग से सिर कुचली लाश पुलिस ने ग्रामीणों की सूचना पर बरामद की थी। लाश के समीप ही बड़ा सीमेंट का पत्थर पड़ा था, जिसे पर खून लगा था। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। परिजनों से पूछताछ करने पर सामने आया कि रात में खाना खाने के बाद निकला था, उसे गांव में रहने वाला जितेन्द्र पिता बाबूदास बैरागी बुलाने आया था। जब वापस नहीं लौटा तो उसके दोस्तों से पूछताछ की गई। सभी ने लखन को देखने से इंकार कर दिया। जितेन्द्र का नाम सामने आने पर उसे हिरासत में लिया गया। कुछ घंटे में वह टूट गया और हत्या करना स्वीकार कर लिया। हत्या में सुमित पिता संतोष बोड़ाना और राजकुमार पिता सुरेश मारू भी शामिल होने की बात कही। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया तो हत्या की वजह सामने आ गई। सुमित और राजकुमार ने बताया कि लखन ब्याज से पैसे देता था। उसने कुछ महिने पहले जितेन्द्र को ढाई लाख रूपये दिये थे। वह कुछ दिनों से रुपये वापस लौटने का दबाब बना रहा था। जितेन्द्र के पास रुपये नहीं थे। उसने हत्या की योजना बनाई और बुधवार रात तीनों ने अंजाम दे दिया।

रस्सी से घोंटा गला, फिर मारे पत्थर
तीनों आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि घटनास्थल मृतक के घर से आधा किलोमीटर दूर है। उक्त क्षेत्र रात में सूनसान रहता था। योजना के मुताबिक सुमित और राजकुमार पहले ही वहां पहुंच गये थे। जितेन्द्र बाइक लेकर जितेन्द्र के घर गया और उससे रुपयों के लेनदेन की बात करने का बोलकर अपने साथ ले आया। घटना स्थल पहुंचने पर बातचीत शुरू की गई। लखन रुपये लौटाने की बात पर अड़ा रहा। तभी सुमित और राजकुमार ने उसके गले में पीछे से रस्सी डाल दी और गला दबा दिया। उसके बेसुध होकर गिरते ही जितेन्द्र ने पहले से वहां रखे पत्थर से सिर पर वार किया। उसके बाद तीनों ने 3 से 4 बार सिर को पत्थर से कुचला और भाग निकले।

एसपी ने किया खुलासा

12 घंटे में हत्या के आरोपियों की गिर तारी होने पर शुक्रवार दोपहर एसपी प्रदीप शर्मा ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि घटनास्थल के आसपास कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था। ना ही मोबाइल लोकेशन मिल रही थी। घट्टिया थाना पुलिस की टीम ने सायबर टीम के साथ बेसिक पुलिसिंग पर काम शुरू किया और परिजनों के साथ गांव वालों से पूछताछ कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

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