मैड: अटलांटिक महासागर के कैनरी द्वीप समूह में स्पेनिश शहर लास पालमास के समुद्र तट पर दुर्लभ डूम्सडे फिश यानी प्रलय की मछली को देखा गया है। बुरी खबरों और तबाही की अग्रदूत कही जाने वाली ये मछली अचानक तड़पते हुए किनारे पर आई और कुछ देर बाद इसने दम तोड़ दिया। ओरफिश की इस प्रजाति की मछली आमतौर पर पानी के बाहर नहीं देखी जाती हैं। ऐसी मान्यताएं हैं कि जब ये मछली समुद्र के बाहर आती हैं तो कुछ ना कुछ बुरा होता है। पूर्व में इस मछली के दिखने के बाद भूकंप आने का भी दावा किया जाता रहा हैआरटी इंडिया ने एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में समुद्र के किनारे आती हुई ओरफिश दिख रही है। हालांकि इसका आकार ओरफिश प्रजाति की दूसरी मछलियों के मुकाबले काफी कम है। ये मछली समुद्र के बाहर आती है और पानी से बाहर आने के कुछ सेकंड में ही दम तोड़ देती है। समुद्र तट के पास मौजूद लोगों ने मछली को दोबारा पानी में छोड़कर उसको बचाने की कोशिश की लेकिन वह कामयाब नहीं हो सके। इस मछली की बनावट काफी अलग होती है और इसके सिर पर छोटी लाल हड्डी होती है।
डूम्सडेफिश से जुड़ी कहानियां
जापानी लोककथाओं में गहरे समुद्र में रहने वाली इस मछली को आपदा की निशानी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि 2011 का फुकुशिमा भूकंप के आने से पहले समुद्र किनारे ओरफिश देखी गई थी। बीते साल अमेरिका के कैलिफोर्निया में भी एक ओरफिश समुद्र से बाहर आई थी, इसके बाद लॉस एजिल्स में भूकंप आया था।वैज्ञानिकों का कहना है कि ये मछली बीमार होने की वजह से सतह पर आती है। इसका शगुन-अपशगुन से कोई संबंध नहीं है। ओरफिश एक दुर्लभ मछली है और इसे कई वर्षों में एक बार देखा जाता है। इसकी वजह ये भी है कि मछली की ये प्रजाति गहरे समुद्र में रहती है। ये केवल तभी सतह पर आती है, जब रास्ता भटक जाती हैं। ऐसे में किनारे पर आने के बाद अक्सर इसकी मौत हो जाती है।ओरफिश और भूकंप के बीच संबंध के बारे में कई सवाल होते रहे हैं। ओरफिश की प्राकृतिक आपदाओं और भूकंपों के पूर्वानुमान के रूप में एक पौराणिक प्रतिष्ठा है लेकिन विशेषज्ञ इसे कहानी मानते हुए खारिज करते हैं। साल 2019 में हुए एक अध्ययन में पाया गया था कि जापान में ओरफिश दिखने और भूकंप आने के बीच कोई संबंध नहीं था।