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धर्मांतरण के मामले में मौलाना कलीम सिद्दीकी समेत 12 को उम्रकैद, 4 दोषियों को 10- 10 साल की सजा

लखनऊ: चर्चित अवैध धर्मांतरण मामले में मौलाना उमर गौतम, मौलाना कलीम सिद्दीकी समेत 14 आरोपियों को एनआईए और एटीएस की स्पेशल कोर्ट ने सजा का ऐलान किया है। एनआईए – एटीएस स्पेशल कोर्ट ने आईपीसी की धारा 417, 120b, 153a, 153b, 295a, 121a, 123 व अवैध धर्मांतरण की धारा 3, 4, व 5 के तहत दोषी पाया है। इस मामले में मौलाना कलीम सिद्दीकी को उम्रकैद, चार आरोपी को 10-10 साल की सजा जबकि 12 को उम्रकैद की सजा सुनाई है। आप को बता दें कि मदरसा जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया के संचालक मौलाना कलीम सिद्दीकी समेत 16 आरोपितों को एटीएस-एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने अवैध रूप से मतांतरण का दोषी माना था। बुधवार को इस प्रकरण में मौलाना समेत सभी आरोपितों को सजा का ऐलान किया है।

जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल, मेरठ से धार्मिक कार्यक्रम से लौटते समय दिल्ली-देहरादून हाईवे पर दौराला-मटौर के बीच यूपी एटीएस ने अवैध धर्मांतरण व विदेशी फंडिंग के मामले में मौलाना कलीम सिद्दीकी, उसके ड्राइवर व दो साथियों को पकड़ा था। मौलाना पर देशभर में अवैध रूप से मतातंरण का गिरोह संचालित करने के आरोप में नोएडा के दारोगा विनोद कुमार ने 20 जून 2021 को मुकदमा दर्ज कराया था।

जांच में मौलाना समेत 16 लोगों अवैध धर्मांतरण में आया था नाम

एटीएस और एनआईए की जांच में मौलाना समेत 16 लोगों के नाम सामने आए थे। मौलाना और उसके साथियों के विरुद्ध लखनऊ स्थित एटीएस-एनआइए की खंडपीठ में मुकदमा चल रहा है। आरोप है कि करीब एक हजार लोगों का मुस्लिम धर्म में मतांतरण कराया गया। इनमें काफी युवतियों का निकाह भी मुस्लिमों से कराया गया। नोएडा के मूकबधिर स्कूल के बच्चों को भी गायब करने की बात आई थी। एटीएस ने मौलाना कलीम सिद्दीकी के विरुद्ध गैरकानूनी धर्म परिवर्तन अधिनियम के तहत व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। फिलहाल कोर्ट ने 14 आरोपियों को एनआईए और एटीएस की स्पेशल कोर्ट ने सजा का ऐलान कर दिया है।

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