धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए दी गई सभी जमीनों पर राज्य सरकार का स्वामित्व होगा


धारावी में केवल उन्हीं झुग्गीवासियों का पुनर्वास किया जाएगा जो निशुल्क आवास के लिए पात्र हैं. अपात्र झुग्गीवासियों को 28 सितंबर 2022 के सरकारी निर्णय के मुताबिक धारावी के बाहर और 04 अक्टूबर 2024 के सरकारी निर्णय के अनुसार किफायती किराया आवास नीति के तहत पुनर्वासित किया जाएगा. अब तक, 83,000 से अधिक मकान गिने जा चुके हैं, जिनमें से लगभग 48% ऊपरी मंजिलों पर हैं. अपात्र मकानों के पुनर्वास के लिए सर्वे पूरा करना कोई शर्त कॉन्ट्रैक्ट में नहीं है.
इसके लिए जमस्प (Jamasp) साल्ट पैन मुलुंड में केंद्र सरकार की 58.5 एकड़ जमीन राज्य सरकार को हस्तांतरित कर दी गई है. इस जमीन की मापी की प्रक्रिया चल रही है. धारावी पुनर्विकास परियोजना का सर्वेक्षण कार्य चल रहा है. मास्टर प्लान और बिजनेस प्लान अंतिम चरण में हैं.
रेलवे क्वार्टरों के निर्माण के लिए जनवरी 2025 में पहला प्रारंभ प्रमाण पत्र दिया गया है. डेवलपर को 7 साल के भीतर पुनर्वास, किफायती आवास, सुविधाएं और बुनियादी ढांचे को पूरा करना है.
टेंडर प्रक्रिया को लेकर उठाए गए सवाल पर शिंदे ने सदन को बताया कि टेंडर प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की गई थी. बॉम्बे हाई कोर्ट ने पिछले सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले के सभी दावों को खारिज कर दिया है. डेवलपर को कोई जमीन नहीं दी जा रही है. सभी जमीनें धारावी पुनर्विकास परियोजना (DRP)/स्लम पुनर्वास प्राधिकरण (SRA) को हस्तांतरित कर दी गई हैं. साल्ट पैन की जमीनें राज्य सरकार को सौंप दी जाएंगी. इस जमीन की कीमत डेवलपर को चुकानी होगी.
इसके लिए जमस्प साल्ट पैन मुलुंड में केंद्र सरकार की 58.5 एकड़ जमीन राज्य सरकार को हस्तांतरित कर दी गई है. इस जमीन की पैमाइश की प्रक्रिया चल रही है. धारावी पुनर्विकास परियोजना का सर्वेक्षण कार्य चल रहा है. मास्टर प्लान और बिजनेस प्लान अंतिम चरण में हैं.
जनवरी 2025 में रेलवे क्वार्टरों के निर्माण के लिए पहला कार्यारंभ प्रमाण पत्र दिया गया है. डेवलपर को 7 वर्षों के भीतर पुनर्वास, किफायती आवास, सुविधाएं और बुनियादी ढांचे को पूरा करना होगा.


