नाटक ‘अधान्तर’ का एम.ए ड्रामैटिक्स के प्रथम वर्ष के छात्रों द्वारा मंचन किया गया

टैगोर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, रबिंद्रनाथ टैगोर विश्विद्यालय के मुक्तधारा परिसर में आज जयंत पवार द्वारा लिखित नाटक ‘अधान्तर’ का एम.ए ड्रामैटिक्स के प्रथम वर्ष के छात्रों द्वारा मंचन किया गया। १९९० के दशक में मुंबई के कपड़ा मिलों की एतिहासिक मज़दूर हड़ताल की पृष्ठभूमि पर आधारित यह नाटक मुंबई की चॉल में रहने वाले एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार की कहानी कहता है। इस नाटक के छात्रों द्वारा दो शोज़ किए गए। नाटक में माँ की भूमिका में अर्चना, मंजू की प्रीति बिरहा बाबा की अमरेश, मोहन की विशाल भाटी और नरू का किरदार विजय जांगिड ने अभिनीत किया। नाटक अधांतर यथार्थवादी शैली में लिखा गया नाटक है। इस शैली से छात्रों को रूबरू कराने के लिये ही इस नाटक का चुनाव किया गया था। मंच परे की समस्त ज़िम्मेदारियाँ भी छात्रों द्वारा ही निभाई गई। नाटक में प्रकाश परिकल्पना मार्क फ़र्नांडीस और हैदर अली की रही और इस प्रस्तुति का निर्देशन और मार्गदर्शन अविजित सोलंकी ने किया। मंच व्यवस्था में विक्रांत भट्ट और चैतन्य आठले रहे। इस नाटक का आख़िरी मंचन कल सवेरे ११ बजे मुक्तधारा परिसर में होना है।