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पूरा यूपी बदलने की तैयारी, योगी आदित्यनाथ ने लगाया अब तक का सबसे बड़ा दांव, क्या है जीआईएस बेस्ड विकास?

उत्तर प्रदेश में हाल ही में प्रयागराज महाकुंभ मेला 2025 संपन्न हुआ है। लेकिन इसके फौरन बाद से ही योगी आदित्यनाथ सरकार ने कुंभ से भी बड़ा अभियान अपने हाथ में ले लिया है। दरअसल उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में सभी शहरों का दायरा बढ़ा है। समस्या ये है कि कई जगह बेतरतीब तरीके से शहर बढ़ रहे हैं। बिना योजना के खेती की जमीन आदि में प्लाट काट दिए जा रहे हैं। कई अवैध कॉलोनियां खड़ी हो गई हैं। शहरों में वाहनों का दबाव, रिहायशी इलाके के लिए जरूरी सड़क, सीवर लाइन, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर कोई प्लानिंग नजर नहीं आती। इन्हीं सब दुश्वारियों से निजात पाने के लिए योगी सरकार ने महायोजना की शुरुआत की है। इसके तहत प्रदेश के हर शहर को अब उसकी भाैगोलिक स्थिति के हिसाब से विकसित करने का प्लान है। ये योजना महायोजना क्याें कही जा रही है? इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकार ने मुजफ्फरनगर से गोरखपुर तक प्रदेश के 59 शहरों को इसमें शामिल कर लिया है। ये योगी सरकार का अब तक का सबसे बड़ा अभियान माना जा रहा हैदरअसल योगी सरकार ने जीआईएस यानी ज्योग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम बेस्ड महायोजना का खाका तैयार किया है। इसके तहत शहरों में उन्नत तकनीक और हाईटेक सुविधाओं से विकास किया जाएगा। सरकार का प्लान है कि इस योजना से एक तरफ शहरीकरण को सही दिशा मिलेगी, दूसरा शहर के बुनियादी ढांचे को और बेहतर व मजबूत किया जा सकेगा।सरकार जीआईएस तकनीक का उपयोग करके हर शहर को वैज्ञानिक और डेटा-आधारित बनाएगी। इसके जरिये शहरों की सड़कों, जल निकासी प्रणाली, ग्रीन स्पेस, ट्रैफिक मैनेजमेंट, सार्वजनिक सुविधाओं और पर्यावरणीय मामलों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं तैयार होंगी। सरकार का मानना है कि इससे शहरी क्षेत्रों में जो बेतरतीब विकास हो रहा है उसे रोकने में मदद मिलेगी, साथ ही योजनाबद्ध तरीके से बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा सकेगा।एक तरफ इन शहरों में ट्रैफिक जाम और अनियंत्रित वाहनों की समस्या खत्म करने के लिए आधुनिक ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जाएगा। बसों, मेट्रो और अन्य सार्वजनिक परिवहन को बिना जाम आदि से जूझे अधिक सुगम और सुविधाजनक बनाया जाएगा। ताकि पैदल चलने वालों को सहूलियत रहे। दूसरी तरफ बारिश के पानी की निकासी और जलभराव की समस्या से निपटने के लिए सिस्टम को सुधारा जाएगा। यही नहीं शहरों में ग्रीन बेल्ट विकसित किए जाएंगे और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए नए पौधे लगाए जाएंगे।

विकास कार्यों से लोगों को मिलेगा रोजगार

अधिकारियों को कहना है कि इस महायोजना से न केवल शहरों के बुनियादी ढांचे का विकास होगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। विभिन्न निर्माण कार्यों, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, ट्रांसपोर्ट सिस्टम और टेक्नोलॉजी आधारित सेवाओं से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। जीआईएस आधारित योजना से शहरी विकास में पारदर्शिता आएगी। इससे अधिकारियों को योजनाओं की सही निगरानी करने और किसी भी क्षेत्र में आवश्यक बदलाव करने में आसानी होगी। साथ ही, सरकार को शहरों के विकास से संबंधित सटीक डेटा मिलेगा, जिससे योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।

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