बढ़ती निगरानी के कारण सामने आ रहे साइबर धोखाधड़ी के अधिक मामले’
अमित शाह ने कहा- पिछले एक साल में 27 लाख शिकायतें दर्ज की गईं

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि पिछले एक साल में देश में साइबर धोखाधड़ी की लगभग 27 लाख शिकायतें दर्ज की गईं और बढ़ती निगरानी की वजह से ऐसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं। पहले साइबर धोखाधड़ी से निपटने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी, लेकिन अब आम जनता के लिए शिकायत दर्ज कराने को एक टोल फ्री नंबर उपलब्ध है।एक साक्षात्कार में शाह ने कहा- ‘हमने खातों से लेन-देन को रोकने का प्रविधान किया है। लोग (जब साइबर धोखाधड़ी का मामला होता है) शिकायतें दर्ज कराना शुरू करते हैं और कुछ ही सेकेंड में खाते से लेन-देन बंद हो जाता है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या देश में साइबर धोखाधड़ी के मामले बढ़े हैं, शाह ने कहा कि मामले नहीं बढ़े हैं बल्कि धोखाधड़ी का अब पता चल रहा है। हमने एक टोल फ्री नंबर भी उपलब्ध कराया है।
साइबर अपराधों को दे रहे हैं तेजी से अंजाम
यही कारण है कि इनका पता चल रहा है। उन्होंने कहा कि संबंधित शिकायतों का समाधान होने की वजह से लोग उस नंबर पर काल करते हैं। पिछले हफ्ते भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आइ4सी) के सीईओ राजेश कुमार ने कहा था कि कंबोडिया, म्यांमार, लाओस और कुछ अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देश अंतरराष्ट्रीय संगठित गिरोहों का केंद्र बन गए हैं जो भारत में वित्तीय धोखाधड़ी, डिजिटल गिरफ्तारी और एटीएम कार्ड गड़बड़ी जैसे साइबर अपराधों को तेजी से अंजाम दे रहे हैं।
साइबर धोखाधड़ी के मामलों को ज्यादातर आइ4सी द्वारा नियंत्रित
साइबर धोखाधड़ी के मामलों को ज्यादातर आइ4सी द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जो केंद्रीय गृह मंत्रालय के साइबर और सूचना सुरक्षा प्रभाग के तहत एक इकाई है। वहीं, एक अन्य अधिकारी ने कहा कि आइ4सी स्काइप खातों, गूगल और मेटा पर विज्ञापनों, एसएमएस हेडर, सिम कार्ड, बैंक खातों आदि जैसे साइबर अपराध के बुनियादी ढांचे की लगातार निगरानी और उनकी ब्लाकिंग का कार्य कर रहा है।अपराध और आपराधिक निगरानी नेटवर्क एवं प्रणाली (सीसीटीएनएस) का जिक्र करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि सरकार ने देश में सभी थानों को नेटवर्क के तहत लाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि यह काम लगभग पूरा हो चुका है। 99.5 प्रतिशत थाने अब नेटवर्क से जुड़े हुए हैं।