बाजार के जानकारों ने गिरावट को बताया अवसर, दी खरीदारी की सलाह

बाजार के दिग्गज समित वर्तक (Samit Vartak) ने भारतीय शेयर बाजार में आ रही गिरावट को ‘द ग्रेट इंडियन क्लीयरेंस सेल’ कहा. उनके मुताबिक निवेशकों (Investors) को इस मौके फायदा आकर्षक शेयरों (Shares) को खरीदने के अवसर रूप में देखना चाहिए.
निफ्टी 50 में सितंबर 2025 की रिकॉर्ड ऊंचाई से 15% का करेक्शन देखने को मिला है. पिछले एक महीने में ही इसमें 5% से ज्यादा की गिरावट आई है. हालांकि सेजवन इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के फाउंडिंग पार्टनर और चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर वर्तक के मुताबिक ये गिरावट साइक्लिकल है और इसे एक बड़ी बिक्री के तौर पर देखा जाना चाहिए जो हर तीन साल में होती है.
आम तौर पर 9 महीने तक जारी रहता है करेक्शन: वर्तक
NDTV Profit के साथ एक इंटरव्यू में मार्केट एक्सपर्ट वर्तक ने कहा कि पिछला करेक्शन दिसंबर 2021 में शुरू हुआ था और ये कैलेंडर ईयर 2022 के करीब आधे हिस्से तक जारी रहा. तीन साल बाद बाजार में ऐसा ही करेक्शन देखने को मिल रहा है. हमने बाजार को सितंबर में ऊंचाई पर पहुंचते देखा और अब इसके करेक्शन में गए पांच से छह महीने हो चुके हैं.
उन्होंने बताया कि आम तौर पर करेक्शन की अवधि छह से नौ महीने की रहती है. जितनी तेजी से करेक्शन होता है, उतनी छोटी अवधि होती है.
भारतीय बाजार वैल्युएशंस के नजरिये से बहुत आकर्षक: अनिरुद्ध सरकार
वहीं क्वेस्ट इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर और पोर्टफोलियो मैनेजर अनिरुद्ध सरकार ने कहा कि भारतीय बाजार वैल्युएशंस के नजरिये से अब बहुत आकर्षक दिखता है. ये FY26 और FY27 में ज्यादा आकर्षक बन रहा है. भारत के लिए बड़ी चिंताएं वैल्युएशन और अर्निंग्स ग्रोथ थीं क्योंकि दोनों तालमेल में नहीं थीं.
उन्होंने कहा, भारत को पिछले चार सालों के दौरान 16–18% की ग्रोथ की आदत रही है. इसलिए बाकी दुनिया के मुकाबले भारत का प्रीमियम सही है. लेकिन FY25 ग्रोथ के नजरिये से अच्छा नहीं था क्योंकि अर्निंग्स में भारी गिरावट देखने को मिली.
सरकार ने कहा कि पहली तिमाही में भारतीय इंक में करीब 8% की ग्रोथ देखने को मिली. लेकिन दूसरी तिमाही में ये पूरी तरह फ्लैट रही. फिर इसे लेकर चिंताएं थीं कि अगर डबल डिजिट ग्रोथ नहीं होगी तो प्रीमियम को लेकर सवाल उठेंगे.