विदेश

भारतीय-अमेरिकी अश्विन रामास्वामी ने जॉर्जिया में जीती डेमोक्रेटिक प्राइमरी

सुशीला जयपाल को ओरेगॉन में मिली हार

अमेरिका में स्टेट सीनेट का चुनाव लड़ रहे भारतीय-अमेरिकी युवा उम्मीदवार अश्विन रामास्वामी ने जॉर्जिया राज्य में डेमोक्रेटिक प्राइमरी में जीत हासिल की है। वहीं, भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल की बहन सुशीला जयपाल ओरेगन में कांग्रेस प्राइमरी में हार गई हैं। स्टेट सीनेट की रेस में अश्विन रामास्वामी ‘जेन जी’ (जेनरेशन जेड) से आने वाले पहले भारतीय अमेरिकी है। बता दें कि 1997 और 2012 के बीच पैदा हुए लोगों की पीढ़ी को ‘जेन जी’ बुलाया जाता है।प्राइमरी दावेदारी जीतने के बाद अश्विन रामास्वामी ने बुधवार (22 मई) अपने एक्स हैंडल से एक पोस्ट में कहा, ”कल रात मैंने जॉर्जिया सीनेट डिस्ट्रिक्ट 48 में डेमोक्रेटिक प्राइमरी जीत ली। नवंबर में मैं रिपब्लिकन सीनेटर शॉन स्टिल का सामना करूंगा, जिन पर 2020 में फर्जी निर्वाचक होने के लिए ट्रंप के साथ आरोप लगाया गया था। यह जॉर्जिया की सबसे ज्यादा परिवर्तनशील स्टेट सीनेट सीट है। आइये इसे जीतें।”

जीतने पर जॉर्जिया में सबसे कम उम्र के निर्वाचित प्रतिनिधि होंगे अश्विन रामास्वामी

रामास्वामी ने सप्ताहांत में जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट हुए हैं। उनके माता-पिता 1990 में तमिलनाडु से अमेरिका आए थे। अश्विन रामास्वामी 24 साल के हैं। अगर वह निर्वाचित होते हैं तो जॉर्जिया राज्य में अब तक के सबसे कम उम्र के निर्वाचित प्रतिनिधि होंगे और जॉर्जिया में यह पद जीतने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी भी होंगे।

हारने के बाद सुशीला जयपाल ने क्या कहा?

62 वर्षीय सुशीला जयपाल ओरेगन के तीसरे कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट में स्टेट रिप्रिजेंटेटिव मैक्सिन डेक्सटर से हार गईं। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सुशीला जयपाल ने अपने एक बयान में कहा, ”मैंने मैक्सिन डेक्सटर को अभी फोन किया और ओरेगॉन के तीसरे कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुने जाने पर उन्हें बधाई दी। मुझे उस अभियान पर बहुत गर्व है जो मैंने और मेरे समर्थकों ने चलाया। हम शुरू से ही स्पष्ट थे कि मूल्यों और देश और डिस्ट्रिक्ट के लिए अपने दृष्टिकोण पर आधारित एक अभियान चलाने जा रहे हैं।” डेक्सटर को 51 फीसद वोट मिले।

सुशीला जयपाल दो बच्चों की मां हैं। वह प्रजनन अधिकारों, शिक्षा और आर्थिक न्याय के लिए एक मुखर कार्यकर्ता रही हैं। निर्वाचित कार्यालय में प्रवेश करने से पहले वह एक समर्पित सामुदायिक वकील और स्वयंसेवक रहीं, जिन्होंने कई स्थानीय बोर्ड्स में सेवाएं दीं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button