
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शुक्रवार को यूरोपीय संघ प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन (EU chief Ursula von der Leyen) के साथ बैठक के बाद कहा कि भारत इस साल के अंत तक यूरोपीय संघ के साथ “परस्पर लाभप्रद” मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement) को अंतिम रूप देगा. पीएम मोदी ने नई दिल्ली में कहा, “हमने अपनी टीमों से इस साल के अंत तक पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते पर काम करने को कहा है.”संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संबंधों में खटास के बीच वॉन डेर लेयेन भारत की यात्रा पर हैं. उन्होंने कहा कि वो “व्यापार समझौते के वार्ताकारों से बहुत उम्मीद कर रही हैं.” भारत के तेजी से बढ़ते बाजार तक पहुंच यूरोपीय संघ प्रतिनिधिमंडल के एजेंडे में सबसे ऊपर था और यूरोपीय संघ प्रमुख पीएम मोदी और उनके मंत्रियों के साथ मुलाकात के बाद काफी प्रसन्न नजर आईं.ब्रसेल्स के अनुसार, यूरोपीय संघ पहले से ही भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, जो 2023 में 124 बिलियन यूरो (130 बिलियन डॉलर) मूल्य के माल का व्यापार कर रहा है. यह कुल भारतीय व्यापार का 12 प्रतिशत से अधिक है. भारतीय बाजार रक्षा से लेकर कृषि, कार और स्वच्छ ऊर्जा जैसे क्षेत्रों के लिए कई अवसर प्रदान करता है. फिर भी यह वर्तमान में यूरोपीय संघ के व्यापार का केवल 2.2 प्रतिशत हिस्सा है. वॉन डेर लेयेन ने बैठक के बाद एक बयान में कहा, “हमने अपनी टीमों को इस गति को बनाए रखने और साल के अंत से पहले अपने एफटीए को अंतिम रूप देने का काम सौंपा है.”ईयू एक ऐसे व्यापार समझौते पर जोर दे रहा है जो उसकी कारों, स्पिरिट, वाइन और अन्य उत्पादों के लिए बाधाओं को कम करेगा. इस बीच भारत स्वच्छ ऊर्जा, शहरी बुनियादी ढांचे और जल प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में अधिक यूरोपीय संघ के निवेश की उम्मीद करता है. नई दिल्ली अपने स्किल्ड वर्कफोर्स के लिए आसान गतिशीलता और भारत में उद्यमों के लिए उच्च निवेश पर भी जोर दे रही है.वॉन डेर लेयेन की यात्रा भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. खासकर तब जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार अपने दोस्तों और दुश्मनों दोनों के खिलाफ टैरिफ की घोषणा कर रहे हैं.