राजस्थान में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही, लाखों छात्रों को नहीं मिली पूरे सत्र किताब; 6 मार्च से बोर्ड परीक्षा शुरू

शिक्षा का सत्र मई माह में शुरू हुआ था. उस दौरान विभाग द्वारा छात्रों को आधी अधूरी किताबें थमा कर ही इति श्री कर दी थी.
राजस्थान में बोर्ड परीक्षा शुरू होने वाले हैं. 6 मार्च से 10वीं बोर्ड की परीक्षा शुरू होने जा रही है. लेकिन प्रदेश में ऐसे लाखों छात्र हैं जिन्हें अब तक पूरे सत्र में पूरी किताब नहीं मिला है. पूरे सत्र छात्र बिना किताब ही पढ़ाई करते रहे. अब बोर्ड एग्जाम शुरू होने जा रहा है तो छात्रों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत है कि वह तैयारी कैसे करेंगे और परीक्षा कैसे देंगे. राजस्थान के जालोर जिले के राजकीय विद्यालयों में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान अजमेर द्वारा माध्यमिक व उच्च माध्यमिक परीक्षा 6 मार्च से शुरू हो रही हैं. लेकिन जालोर शिक्षा विभाग की लापरवाही का नतीजा इन लाखों बालकों को भुगतना पड़ेगा.
शिक्षा का सत्र मई माह में शुरू हुआ था. उस दौरान विभाग द्वारा छात्रों को आधी अधूरी किताबें थमा कर ही इति श्री कर दी थी. लेकिन उसके बाद अब तक पूरी किताब उपलब्ध नहीं कराई गई है. ऐसे में छात्रों की बोर्ड परीक्षा अधर में ही है.
किताबों की मांग के बावजूद नहीं पहुंची विषयों की किताब
जालोर शिक्षा विभाग की ओर से मांग पत्र के अनुसार मिडिल स्तर तक 778365 और सीनियर स्तर तक कुल 452425 किताबें ही मांगी थी. लेकिन जिले के चान्दना, डूडसी, दीगांव, थावला, बिबलसर, सामुजा, सियाणा, मेडाऊपरला सहित कई स्थानों पर कुछ ही विषयों की पुस्तकें भेजी गई थी. उसके बाद आज तक एक भी किताबें भेजी नहीं गई.और जिन किताबों की जरूरत नहीं उन किताबों को हज़ारों की संख्या में भेज दी. छात्रों के पास विज्ञान, गणित, राजनीतिविज्ञान, संस्कृत, लोकतांत्रिक राज, भूगोल, मेट्स कर्तिका ,पर्यावरण सहित कई विषयों की किताबें नहीं है