विज्ञान—रिसर्च से ही प्रगति करता है राष्ट्र : डॉ. राजीव बहल

आइसर भोपाल में दो दिवसीय नेशनल कैंप में विशेषज्ञों ने की चर्चा
भोपाल। कोविड ने हमें बताया कि विज्ञान और उसमें रिसर्च कितनी महत्वपूर्ण है। विज्ञान-प्रौद्योगिकी और शोध के बिना कोई भी देश प्रगति नहीं कर सकता है। यह बातें आईसीएमआर के महानिदेशक एवं भारत सरकार के हेल्थ रिसर्च विभाग के सेक्रेटरी डॉ राजीव बहल ने कहीं। वे भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आइसर) भोपाल में विज्ञान मंथन कार्यक्रम के समापन समारोह में अपनी बात रख रहे थे। डॉ. बहल ने कहा— हम वैक्सीन बनाने वाले टॉप फाइव देशों में से एक रहे हैं, हमने हजार से भी ज्यादा वैक्सीन टेस्ट किए हैं। डॉ. राजीव बहल ने जय जवान जय किसान जय विज्ञान और जय अनुसंधान के नारे की महत्ता भी समझाई। कैंप में डॉ अरविंद रानाडे, प्रवीण रामदास, मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (मेपकास्ट) के महानिदेशक डॉ अनिल कोठारी, डॉ सुधीर सिंह भदोरिया, डॉ आशीष अग्रवाल, डॉ अमोघ गुप्ता, डॉ मयूरी दत्त सहित बड़ी संख्या में शिक्षक,नागरिक एवं युवा शामिल रहे।
नवाचार से ही शिखर पर पहुंचा जा सकता है : डॉ. शिवकुमार शर्मा
विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ शिवकुमार शर्मा ने कहा कि आई क्यू, इक्यू के साथ-साथ एस क्यू (सोशल) एवं एच क्यू (ह्यूमन) भी महत्वपूर्ण है। फॉर्मल एजुकेशन के साथ इनोवेशन भी महत्वपूर्ण है क्योंकि नवाचार एवं सीखने की निरंतर ही हमें शिखर पर पहुंचती है।
युवा देश को आगे ले जाएंगे: डॉ.गोवर्धन दास
भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान आइसर भोपाल के निदेशक डॉ गोवर्धन दास ने कहा कि आप सभी यंग साइंटिस्ट है और आप को ही देश को आगे बढ़ाना है।
डॉ कैलाशा राव ने दिये तीन मंत्र
स्कूल ऑफ़ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के निदेशक डॉ कैलाशा राव ने कहा कि भारत नई शिक्षा नीति से नई दिशा में जा रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों को विज्ञान के माध्यम से आगे बढ़ने के लिए तीन मंत्र दिए- थिंक एक्शन एवं वर्क।
डॉ शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार की दी जानकारी
पूर्व आईएएस अधिकारी एवं भारत के महान वैज्ञानिक डॉ शांति स्वरूप भटनागर के पोते अरुण भटनागर ने डॉ शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार के बारे बताते हुए कहा कि डॉ. शांतिस्वरूप भटनागर ने उसे समय अपना वैज्ञानिक कार्य किया जब भारत स्वतंत्र नहीं हुआ था।
क्या है ‘विद्यार्थी विज्ञान मंथन’
विद्यार्थी विज्ञान मंथन के राष्ट्रीय संयोजक आईआईटी इंदौर के प्रोफेसर प्रशांत कोडगीर ने बताया कि आइसर भोपाल में विज्ञान भारती और मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद ने “विद्यार्थी विज्ञान मंथन” का दो दिवसीय नेशनल कैम्प आयोजित किया था। इसमें विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कार भी दिया गया। प्रतियोगिता में संपूर्ण भारत के 36 प्रान्तों से 450 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया था। उन्होंने बताया कि यह परीक्षा पूर्णतया डिजिटल प्लेटफॉर्म पर होती है और पेन इंडिया पैटर्न की तरह होती है। इस परीक्षा में पूरे देश के विद्यार्थी भाग लेते हैं। इस बार विद्यार्थी विज्ञान मंथन परीक्षा में पूरे भारत वर्ष से कुल 36 जोन से लगभग 90 पुरस्कार प्रदान किए गए हैं।