वैचारिक एवं पर्यावरणीय प्रदूषण निवारण हेतु गायत्री परिवार का गृहे गृहे गायत्री यज्ञ संपन्न

पूरा विश्व इन दिनों नाना प्रकार के संकटों से जूझ रहा है। इन सब के पीछे मनुष्य के विचारों का अशुद्ध हो जाना है। अखिल विश्व गायत्री परिवार इसी के समाधान हेतु विविध अभियान संचालित कर रहा है।
ऐसा ही एक बृहद् आयोजन आज पूरे देश एवं बाहर के देशों में एक साथ संपन्न हुआ। गायत्री परिवार अपने हरिद्वार स्थित मुख्यालय की योजना के अनुसार प्रतिवर्ष बुद्ध पूर्णिमा के दिन एक साथ लाखों नये घरों में गायत्री यज्ञ करता है।
संस्था के भोपाल केन्द्र पर जोनल समन्वयक श्री राजेश पटेल जी ने आज बताया कि महात्मा बुद्ध को स्वयं बुद्धत्व की प्राप्ति हुई और उन्होंने हमें भी आत्मदीप होने का संदेश दिया है। इसीलिये इस पवित्र दिन गायत्री परिवार भी घर घर में यज्ञ करवा कर सत्प्रवृत्ति जागरण का कार्य कर रहा है।
प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष भी कुल चालीख लाख नये घरों में यज्ञ करने का लक्ष्य रखा गया था। इसके अनुसार प्रातः 7ः30 से घरों में यज्ञ आरंभ हुये। भोपाल नगर में पंद्रह हजार नये घरों में यज्ञ करवाने का लक्ष्य लिया गया था। अभी यज्ञ पुरोहितों से ऑनलाइन सूचनायें आ रही हैं जिसके अनुसार बडी संख्या में मध्य प्रदेश के प्रत्येक जिलों की पंचायत स्तर तक पहुंचे श्रद्धा संवर्धन रथ यात्रा के माध्यम से जनसंपर्क किया था उन सभी पंचायत में यह यज्ञ संपन्न हुए, नगर एवं पूरे प्रांत के सभी जिलों के साथ-साथ देशभर में लाखों घरों में यह अभियान संपन्न हुआ। इस सामूहिक आध्यात्मिक अनुष्ठान में प्रदेश के धार्मिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठनों मंडलों सभी ने बढ़ चढ़कर के भाग लिया।
एम पी नगर के केन्द्र के उपजोन समन्वयक श्री आर पी हजारी एवं व्यवस्थापक श्री आर सी गायकवाड ने इस अभियान की व्यवस्था का दायित्व संभाला था एवं हर कार्यकर्ता को अपने घर के साथ मोहल्ले में भी पूर्व से निर्धारित घरों में यज्ञ करवाना था।
यज्ञ करवाने वाले कार्यकर्ताओं , समन्वय को लेकर पूरी व्यवस्था संचालन हेतु युवा प्रकोष्ठ के समन्वयक अमर धाकड़,रमेश नागर अशोक सक्सेना एवं डॉ दयानंद समेले,राम प्रकाश गुप्ता, अपनी टीम के साथ प्रातः से ही गायत्री मंदिर पर मुस्तैद रहे। कार्यकर्ताओं से प्राप्त सूचना के आधार पर इन्होंने बताया कि सभी घरों में यह यज्ञ विधिवत संपन्न हुये और अब इसके बाद यह आंकडे शांतिकुंज मुख्यालय प्रेषित होंगे जहां से इनके लिये मां गायत्री के आशीर्वद प्राप्त होंगे तथा हम स्थानीय स्तर पर इन यज्ञ के यजमानों के परिवार के संपर्क में रहकर गायत्री परिवार की अन्य गतिविधियों, पर्वों एवं संस्कारों से इन्हें जोडेंगे। इनमें से कुछ परिवारों ने अपने अनुभव साझा करते हुये कहा कि हमारे यहां पहली बार ऐसा कर्मकांड हुआ है एवं हमें इससे नई ऊर्जा एवं एक नया विचार मिला है। हमने आज एक पौधा लगाया और कोई भी नशा न करने का संकल्प भी लिया है। अब हम अपने देश-समाज के लिये सहयोग अवश्य करेंगे।