सारे सपने सच नहीं… मां न बन पाने पर छलका मनीषा कोइराला का दर्द, बताया कैसे खुद को संभाला
‘हीरामंडी’ में मनीषा कोइराला ने मल्लिकाजान की भूमिका निभाई है. उनकी एक्टिंग लोगों को काफी पसंद आई है. वेब सीरीज को भी दर्शकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. इस सीरीज में मनीषा ने भले ही मल्लिकाजन का रोल किया हो. लेकिन अपनी असल जिंदगी में वो मां नहीं बन पाई हैं. इसको लेकर उनका दर्द छलका है. दरअसल उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि वो भी मां बनना चाहती हैं. लेकिन उन्होंने अब इसको लेकर एडजस्टमेंट कर लिया है.
53 साल की मनीषा कोइराला ने कहा कि कैंसर के बाद उन्हें इससे जूझना पड़ा है. उन्होंने कहा, मेरी जिंदगी में कहीं न कहीं कुछ अधूरा सा है. जैसे-जैसे आप बड़े होते हैं, आप अपनी सच्चाई को एक्सेप्ट कर लेते हैं. सारे सपने सच नहीं होते. ऐसे बहुत से सपने होते हैं, जिनका आपको बाद में एहसास होता है कि वो पूरे नहीं होंगे और आप उनके साथ समझौता कर लेते हैं. मदरहुड भी मेरे लिए उनमें से एक है. ओवेरियन कैंसर होना और माँ न बन पाना बहुत मुश्किल था. लेकिन मैंने इसके साथ समझौता कर लिया है. मैं खुद से कहती हूं, जो गया सो गया और मेरे पास जो है उसमें मुझे अपना बेस्ट करने दो.”
बच्चे को गोद लेने पर क्या बोलीं?
मनीषा कोइराला से जब बच्चे को गोद लेने यानी अडॉप्शन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मैंने बच्चे को गोद लेने के बारे में बहुत सोचा. लेकिन मुझे एहसास हुआ कि मैं बहुत जल्दी स्ट्रेस में आ जाती हूं. मुझे बहुत जल्दी एंग्जाइटी होने लगती है. इसलिए काफी सोचने के बाद मैंने फैसला किया मैं एक गॉडमदर बनना पसंद करूंगी. मेरे पास मेरे बूढ़े माता-पिता हैं, जिनसे मैं बहुत प्यार करती हूं. मैं उनकी आंखों का तारा हूं. मैं अब अक्सर काठमांडू वापस जाती हूं और उनके साथ समय बिताती हूं और मुझे इससे खुशी मिलती है.”
ओवेरियन कैंसर
इन दिनों मनीषा कोइराला ‘हीरामंडी’ को लेकर कई इंटरव्यू दे रही हैं. उन्होंने ‘हीरामंडी’ रिलीज होने के बाद सभी का आभार जताया था. उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक लंबा नोट शेयर करते हुए कहा था कि उन्हें कैंसर के बाद नई जिंदगी मिली है. मनीषा कोइराला ओवेरियन कैंसर से जूझ चुकी हैं. उन्हें इस बीमारी का साल 2012 में पता चला था. इसके बाद उन्होंने 2 साल तक विदेश में रहकर अपना इलाज कराया था.