अध्यात्म

सिर्फ IIT बाबा और मोनालिसा ही नहीं, कुंभ में और भी बहुत कुछ ऐसा है जो आपको चौंका दे

इस कुंभ में ऐसे कई गुरु, बाबा और साधु जुटे हैं, जिनके पास खास सिद्धियां हैं। इतना ही नहीं महाकुंभ में बहुत कुछ ऐसा भी है, जो आम लोगों के लिए सामान्य तो कतई नहीं कहा जा सकता। फिर चाहे वह एक आईआईटी छोड़ चुके युवक का सन्यांस लेना हो या संस्कृति के ज्ञाता विदेशियों का आश्रम बनाकर रहना। कुंभ में ऐसी कई चीजें जो लोगों को चौंकाती हैं। आइये जानते हैं..भारत में महाकुंभ जैसा जुटाव दशकों में एक बार ही देखने को मिलता है। करोड़ों की संख्या में भक्त इस अद्भुत आयोजन में हिस्सा लेने पहुंचते हैं। यूपी के प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान लोगों में आस्था उमड़-उमड़ कर बाहर आती है। हालांकि, यह भावनाएं सिर्फ भगवान के प्रति नहीं, बल्कि उन तक पहुंचने का मार्ग दिखाने वाले गुरुजनों और साधुओं के प्रति भी सामने आती हैं। इस कुंभ में ऐसे कई गुरु, बाबा और साधु जुटे हैं, जिनके पास खास सिद्धियां हैं। इतना ही नहीं महाकुंभ में बहुत कुछ ऐसा भी है, जो आम लोगों के लिए सामान्य तो कतई नहीं कहा जा सकता। फिर चाहे वह एक आईआईटी छोड़ चुके युवक का सन्यांस लेना हो या संस्कृति के ज्ञाता विदेशियों का आश्रम बनाकर रहना। कुंभ में ऐसी कई चीजें जो लोगों को चौंकाती हैं। आइये जानते हैं…

1. आईआईटी बाबा
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में आईआईटी कर चुके अभय सिंह बाबा के तौर पर जबरदस्त रूप से प्रचलित हुए हैं। एक न्यूज चैनल पर आए उनके इंटरव्यू ने लोगों को इस कदर का चौंका दिया कि लोग बड़े संस्थानों में पढ़ाई और बेहतरीन नौकरी छोड़ चुके अभय सिंह के बारे में जानने के लिए बेचैन हो गए। देखते ही देखते इंस्टाग्राम में उनके लाखों फैंस हो गए। आलम यह है कि अभय सिंह अब अपने फेम से खुद परेशान हो गए हैं। उनका कहना है कि यह फेम उनके लिए परेशानी बन गया है। वह पहले आसानी से बाहर घूम लेते थे। चाय पी लेते थे, लेकिन अब बाहर नहीं जा पा रहे हैं। पहले किसी भी टेंट में जाकर सो जाते थे, लेकिन अब बाहर जाने से पहले सोचना पड़ रहा है। पढ़ें पूरी खबर…

2. कन्याओं को आरती संपन्न कराने की जिम्मेदारी
यूपी में चल रहा महाकुंभ आस्था के साथ नारी सशक्तीकरण का भी अनूठा उदाहरण बना है। यहां इस बार संगम के किनारे आरती के लिए लड़कियों को भी मौका दिया गया है। उन पर आरती संपन्न कराने की जिम्मेदारी दी गई है। सात लड़कियां त्रिवेणी संगम पर हर दिन गंगा आरती का नेतृत्व करती हैं। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया गया है। वे सुरक्षित तरीके से समारोह के आवश्यक मंत्रों और अनुष्ठानों को सीखी हैं। आरती के दौरान यह कन्याएं डमरू बजाकर पूजा में करा रही हैं।मध्य प्रदेश से महाकुंभ में पहुंचे बवंडर बाबा खूब वायरल हैं। वह दिव्यांग होने के कारण तीन पहिये वाली मोटरसाइकिल से चलते हैं। वह हिंदू देवी-देवताओं की मूर्ति और तस्वीरों के अनादर को लेकर लोगों को जागरुक करते हैं।

4. वायरल हुईं ‘मोनालिसा’ 
प्रयागराज के महाकुंभ मेले में आध्यात्मिकता और भक्ति के बीच, एक साधारण माला विक्रेता अपने अप्रत्याशित आकर्षण से लोगों खींच रही है। महेश्वर की इस युवती, जिसे लोग प्यार से ‘मोनालिसा’ कह रहे हैं। उसका असल नाम मोनालिसा ही है, उसे घर पर मोनी कहकर बुलाया जाता है। मोनालिसा ने अपनी खूबसूरती और खास अंदाज के चलते महाकुंभ 2025 से इंटरनेट पर तहलका मचा दिया है। मोनालिसा की अचानक सोशल मीडिया पर लोकप्रियता के कारण उनके कई वीडियो बनाए गए। उनकी खूबसूरती चर्चा का विषय बन गई, जिससे उनके आने का उद्देश्य ही खत्म हो गया। लगातार ध्यान और वीडियो रिकॉर्डिंग मोनालिसा के लिए भारी पड़ गई, जिसके कारण उन्होंने महाकुंभ मेला बीच में छोड़कर जाने की खबरें सामने आई थीं।

5. महाकुंभ में विदेशी महामंडलेश्वरों का आश्रम
कुंभ मेला के सेक्टर-17 में स्थित शक्तिधाम महाकुंभ का सबसे अनोखा आश्रम है। यह एक मात्र ऐसा आश्रम है, जहां आश्रम के नौ महामंडलेश्वर विदेशी हैं। ये हिंदी सही से नहीं बोल पाते, लेकिन फर्राटेदार संस्कृत में पाठ करते हैं। शक्तिधाम आश्रम में नौ महामंडलेश्वर विदेश से ताल्लुक रखते हैं। इनमें से एक ही महामंडलेश्वर हिंदी में बात करते हैं। पढ़ें पूरी खबर…

6. एंबेसडर बाबा
प्रयागराज महाकुंभ में एंबेसडर वाले बाबा भी पहुंचे है, जिनका नाम महंत राज गिरी नागा बाबा है। इनको एंबेसडर बाबा के नाम से भी जाना जाता है। महंत राज गिरी नागा बाबा अपनी खुद की सवारी लेकर चलते है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में बताया है कि वह अपनी गाड़ी में ही रहते हैं। एंबेसडर वाले बाबा के भी कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं।

7. अब तक 11 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
महाकुंभ में दस दिनों में अब तक करीब 11 करोड़ श्रद्धालु पवित्र संगम में डुबकी लगा चुके हैं। श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। महाकुंभ का स्नान 13 जनवरी पौष पूर्णिमा के साथ शुरू हुआ है। दूसरे स्नान पर्व मकर संक्रांति पर साढ़े तीन करोड़ से अधिक भक्तों ने संगम में डुबकी लगाई थी। 22 जनवरी को करीब तीस लाख भक्तों ने स्नान किया। इसमें 10 लाख कल्पवासियों के अलावा 20 लाख श्रद्धालु शामिल रहे। 22 जनवरी तक नौ करोड़ 73 लाख श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं। पढ़ें पूरी खबर…

8. डिजिटल मौनी बाबा 
डिजिटल मौनी बाबा राजस्थान के उदयपुर के रहने वाले हैं। वह 12 साल से मौन व्रत धारण किये हैं। वह अपने शिष्यों से सारी बातें डिजिटल माध्यम से करते हैं। इसके लिए वह कोई कॉपी कलम नहीं, बल्कि डिजिटल बोर्ड रखते हैं। महाकुंभ में वह भी आकर्षण का केंद्र हैं।

9. नाक से बांसुरी बजाते हैं बाबा 
पंजाब के पटियाला से महाकुंभ में पहुंचे ईश्वर बाबा अपनी अनूठी कला की वजह से आकर्षण का केंद्र बने हैं। वह एक साथ दो-दो बांसुरी बजाते हैं। सबसे अनोखी बात है कि वह अपनी नाक से भी बांसुरी बजा सकते हैं। जूना अखाड़े से जुड़े इस बाबा की प्रसिद्धि इतनी बढ़ गई है कि उनका नाम बांसुरी बाबा पड़ गया।

10. एनवायरमेंट बाबा
आवाहन अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर अरुणा गिरी भी महाकुंभ में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। उन्होंने 2016 में वैष्णो देवी से कन्या कुमारी तक 27 लाख पौधे बांटे थे। इसके बाद से उन्हें एनवायरमेंट बाबा कहा जाता है। इस बार उन्होंने महाकुंभ में 51 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा हुआ है।

11. गले से उंगलियों तक आभूषण पहनने वाले बाबा
संगम की रेती पर जहां विभिन्न मत-मतांतरों का मिलन हो रहा था। संगम के किनारे बसे महाकुंभ नगर में सिर पर खेती करने वाले बाबा के बाद अब सोने से लदे स्वर्णिम बाबा सुर्खियां बटोर रहे हैं। स्वर्णिम बाबा के शरीर पर गले से लेकर उंगलियों और कमर तक छह किलो से अधिक सोने के गहने हर किसी को लुभा रहे हैं। केरल के तिरुवनंतपुरम से आए बाबा नारायण स्वामी उर्फ स्वर्णिम बाबा निरंजनी अखाड़े में 24 जनवरी को महामंडलेश्वर के पद पर आसीन होंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button