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हिंदी ही हो सकती है विश्व गुरु की भाषा : प्रो. सी. सी. त्रिपाठी

भोपाल।एनआईटीटीटीआर भोपाल के निदेशक प्रो. सी. सी. त्रिपाठी को भारतीय भाषा एवं संस्कृति केंद्र नई दिल्ली द्वारा पोर्टब्लेयर में आयोजित हिंदी सम्मलेन में सम्मानित किया गया। प्रो. सी. सी. त्रिपाठी को राजभाषा पथप्रदर्शक के रूप में यह सम्मान नगर राजभाषा कार्यन्वयन समिति के अध्यक्ष एवं एनआईटीटीटीआर भोपाल द्वारा राजभाषा के क्षेत्र में किये गए उल्लेखनीय योगदान के लिए किया गया। प्रो. सी. सी. त्रिपाठी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा की हिंदी भाषा में विश्व गुरु बनने की क्षमता है। हिंदी भाषा का प्रभाव विश्व स्तर पर बढ़ रहा है।हिंदी भाषा का उपयोग विश्व स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहा है जिनमे व्यवसाय, शिक्षा, और मनोरंजन आदि शामिल हैं। आज हिंदी में विज्ञान ,मेडिकल एवं इंजीनियरिंग का अध्यन अध्यापन संभव हो चुका हे। हिंदी एक समृद्ध और विविध भाषा है जो भारत की सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती है। व्यापक बोलचाल के कारण यह विश्व गुरु की भाषा बनने की क्षमता रखती है। हिंदी के माध्यम से हम अपनी सोच, संस्कृति और विचारों को वैश्विक स्तर पर साझा कर सकते हैं। संस्थान के प्रो पी.के. पुरोहित ने “हिंदी में विज्ञान” विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में एक रोचक व्यख्यान दिया इस सत्र की अध्यक्षता प्रो. सी. सी. त्रिपाठी ने की। इस सम्मलेन में देशभर के संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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