1975 विश्व कप हाॅकी : विजयी गोल से अशाेक ध्यानचंद ने जीता था खेलप्रेमियों का दिल

झांसी। 50 साल पहले तीसरे विश्व कप हॉकी में परंपरागत प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 2-1 से पराजित कर भारत विश्व चैंपियन बना था। 15 मार्च 1975 को मिली जीत में झांसी के ओलंपियन अशाेक ध्यानचंद ने अहम भूमिका निभाई थी।
16 सदस्यीय भारतीय टीम में उत्तर प्रदेश से वह एकमात्र खिलाड़ी थे, जिन्होंने विजयी गोल कर कुआलालंपुर के मेटदेक स्टेडियम में मौजूद 45000 दर्शकों समेत देश के लाखों खेलप्रेमियों का दिल जीत लिया था।मुकाबले में भारत के लिए पहला गोल टीम के सदस्य सुरजीत सिंह ने किया था, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। दूसरा और विजयी गोल अशाेक ध्यानचंद ने किया था।
हॉकी इंडिया 15 मार्च 2025 को दिल्ली में विश्व कप विजेता टीम के जीवित 11 खिलाड़ियों को सम्मानित करेगी और अजीत पाल के नेतृत्व में मिली उस ऐतिहासिक जीत की गोल्डन जुबली मनाएगी।
अमर उजाला ने 16 मार्च 1975 को मुख्य पृष्ठ पर ‘भारत विश्व हॉकी चैंपियन’ शीर्षक से लीड खबर प्रकाशित की थी। जिसमें यह भी जिक्र किया गया था कि भारत नौ वर्ष बाद पुन: विश्व चैंपियन बन गया। उससे पहले बैंकाक में 1966 में एशियाई खेलकूद में भारतीय टीम ने चैंपियनशिप जीती थी। इससे पहले 15 अगस्त 1936 को बर्लिन ओलंपिक में हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नेतृत्व में भारतीय टीम ने पहली बार चैंपियनशिप जीती थी।
“हॉकी का विश्व कप जीते हुए 50 वर्ष हो गए हैं, यह गौरव का विषय है। खुशी की बात यह है कि पूरी टीम को दिल्ली बुलाकर सम्मानित किया जा रहा है। वह ऐतिहासिक जीत थी। उसके बाद टीम इंडिया उस तरह का प्रदर्शन फिर नहीं कर पाई है। टीम के बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रबंधन में सुधार की आवश्यकता है।”
– अशोक ध्यानचंद, पूर्व ओलंपियन, विश्व कप विजेता टीम के सदस्य
कमेंट्री सुनने के लिए मिला था अवकाश
अशोक ध्यानचंद ने बताया कि भारत के इतिहास में पहला ऐसा अवसर आया था जब आधे दिन का अवकाश घोषित कर दिया था ताकि फाइनल मैच की कमेंट्री सुनी जा सके। आकाशवाणी से जुड़े जसदेव सिंह की कमेंट्री की जादू भरी आवाज ने उस जीत को भारतवासियों में जीवंत बना दिया था।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दी थी बधाई
विश्व कप हॉकी में चैंपियन बनने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, भारतीय टीम के प्रशिक्षक बलबीर सिंह, भारतीय हॉकी संघ के अध्यक्ष रामास्वामी और हॉकी के उस्ताद कहे जाने वाले केडी सिंह बाबू ने चरमहर्ष व्यक्त करते हुए अपने खिलाड़ियों को बधाई दी थी।
मलयेशिया के पीएम भी पहुंचे थे मुकाबला देखने
तब हॉकी का क्रेज इतना था कि मलयेशिया के प्रधानमंत्री तुन अब्दुल रज्जाक भी रोमांचक प्रतियोगिता देखने पहुंचे थे। उस समय भारतीय टीम ने अपना सर्वश्रेष्ठ कौशल का प्रदर्शन कर लाखों दर्शकों को दिल जीत लिया था। पूरे भारत में जीत का जश्न मनाया गया था। उस सुनहरे पल को संजोने के लिए मलयेशिया में भी जश्न मनाने की तैयारी है, जिसमें अशोक ध्यानचंद को भी बुलाया गया है।