म्यूजिक मास्टर्स की चौथी वार्षिक संगीत संध्या में पेश किए 34 गीत
60 वर्ष की आयु से अधिक के लोगों ने गीत और संगीत में दिखाया हुनर

मुसाफ़िर हूँ यारों “, अरविंद शेंडे के “रुख से जरा नकाब हटा….
भोपाल,म्यूजिक मास्टर्स की चौथी वार्षिक संगीत संध्या का रंगारंग कार्यक्रम शहीद भवन सभागार में शाम 5 बजे शुरू हुआ। सर्वप्रथम माँ सरस्वती की प्रतिमा में म्यूजिक मास्टर्स की महिलाओ द्वारा माल्यार्पण किया गया एवं दीप प्रज्वलित किया गया विश्वनाथन अय्यर ने ग्रुप से सम्बंधित जानकारी दी।कार्यक्रम की शुरुआत मुकुल वत्स द्वारा गीत “आज की रात मेरे दिल की सलामी ले ले” से की गई। गानों के क्रम में अजय खोसला के द्वारा “है दुनिया उसी की”, शिशिर कुशवाहा के ” मुसाफ़िर हूँ यारों “, अरविंद शेंडे के “रुख से जरा नकाब हटा दो” , गौरी विश्वनाथन के ” मेरे महबूब ना जा “, एनआर राधाकृष्णन के “सुनैना सुनैना” गानों ने दर्शको का मन मोह लिया और खूब वाहवाही लूटी। चार कलाकारों ने “हो के मजबूर मुझ” जैसा गीत प्रस्तुत कर दर्शको को मंत्र मुग्थ कर दिया युगल गायन में सुधीर भालेराव और विश्वनाथन अय्यर के गाने ” गम की अंधेरी रात में” के गाने ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। डॉ. दिनेश श्रीवास्तव ने “मुसाफिर हूं यारो” और प्रभात मिश्रा ने “जाने वालो जरा” गाना प्रस्तुत किया कार्यक्रम में कुल 32 गाने गाए गए आभार प्रदर्शन के बाद कार्यक्रम की समाप्ति हुई। कार्यक्रम का सञ्चालन चन्द्रशेखर देशपांडे और सुनीता प्रकाश ने किया। कार्यक्रम में अधिकांश सेवानिवृत्त एवं 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोग शामिल हुए। उन्हें मंच प्रदान करने का कार्य मास्टर्स ग्रुप कर रहा है।