विदेश

नार्वे, स्‍पेन और आयरलैंड फलस्‍तीन देश को देंगे मान्‍यता

146 देशों तक पहुंची संख्‍या, इजरायल को बड़ा झटका

कोपेनहेगन (डेनमार्क): फलस्‍तीन को अलग-थलग करने में लगे इजरायल को बड़ा झटका लगा है। दुनिया के तीन देशों नार्वे, आयरलैंड, स्‍पेन ने फलस्‍तीन देश को मान्‍यता देने जा रहे हैं। इजरायल लगातार फलस्‍तीन देश को मान्‍यता देने का विरोध कर रहा है लेकिन अब उसे यूरोप से बड़ा झटका लगा है। नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनस गार स्तूर ने बुधवार को कहा कि उनका देश फलस्तीन को एक देश के तौर पर औपचारिक रूप से मान्यता दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘अगर मान्यता नहीं दी गयी तो पश्चिम एशिया में शांति स्थापित नहीं हो सकती।’जोनस गार ने कहा कि नॉर्वे 28 मई तक फलस्तीन को देश के तौर पर मान्यता दे देगा। यूरोपीय संघ के कई देशों ने पिछले सप्ताहों में संकेत दिया है कि वे मान्यता देने की योजना बना रहे हैं, उनकी दलील है कि क्षेत्र में शांति के लिए द्वि-राष्ट्र समाधान आवश्यक है। नॉर्वे इजराइल और फलस्तीन के बीच द्वि-राष्ट्र समाधान का कट्टर समर्थक रहा है। वह यूरोपीय संघ का सदस्य नहीं है लेकिन इस मुद्दे पर उसका रुख भी यूरोपीय संघ के अन्य सदस्यों के समान है। उन्होंने कहा, ‘हमास और आतंकवादी समूहों ने आतंक फैलाया है जो द्वि-राष्ट्र समाधान और इजराइल सरकार के समर्थक नहीं हैं।’

रफह शहर में रोक दी गई आपूर्ति

इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने आपूर्ति की कमी और इजरायल के बढ़ते सैन्य अभियान से उत्पन्न अस्थिर सुरक्षा स्थिति के कारण मंगलवार को रफह शहर में खाद्य सामग्री के वितरण पर रोक लगा दी। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी कि पूरे क्षेत्र में मानवीय सहायता अभियान चलाना अब मुश्किल है। मार्गों के बंद होने और अराजकता के बीच अमेरिकी नौसेना को भी समस्याओं का सामना करना पड़ा। सप्ताहांत में फलस्तीनियों ने पोतघाट से आ रहे संयुक्त राष्ट्र के वाहनों के काफिले से सहायता ली। पेंटागन के प्रेस सचिव मेजर जनरल पैट राइडर ने वाशिंगटन में संवाददाताओं को बताया कि पिछले कुछ दिनों से पोतघाट (पियर) से सहायता सामग्री की आवाजाही रोक दी गई थी, लेकिन मंगलवार को इसे फिर से शुरू कर दिया गया।

संयुक्त राष्ट्र की ओर से अभी तक इस बारे में कोई पुष्टि नहीं की गई है। संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) की ओर से कहा गया कि मध्य गाजा के लिए भोजन की कमी हो रही है जहां सैकड़ों हज़ारों लोग रफह से भागने के बाद नए शिविर बना रहे हैं या वे उन क्षेत्रों में घुस रहे हैं जो पहले से ही इज़रायली हमलों से तबाह हो चुके हैं। डब्ल्यूएफपी की प्रवक्ता अबीर एटेफा ने कहा, ‘गाजा में मानवीय अभियान जारी रखना मुश्किल हैं, अगर गाजा में खाद्य और अन्य आपूर्ति भारी मात्रा में फिर से शुरू नहीं हुई तो अकाल जैसी स्थिति पैदा हो जाएगी।’

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