मनोरंजन

विश्व संगीत दिवस पर इन मधुर प्रस्तुतियों का आनंद लें

OTT कहानियों और टेलीप्ले के ये कथानक संगीत से आपका मनोरंजन करेंगे और साथ ही आपको कुछ नया सोचने के लिए मजबूर करेंगे

संगीत हमेशा से भारतीय लोकाचार का एक अभिन्न अंग रहा है और इसे थिएटर के साथ-साथ सिनेमा में भी शामिल किया गया है। इस विश्व संगीत दिवस पर, हम लाये हैं आपके लिए कहानियों की एक सूची जहाँ संगीत एक ख़ास भूमिका निभाता है.

एक अवलोकन:

बंदिश बैंडिट्स

यह अमेज़न प्राइम वीडियो सीरीज़ अमृतपाल सिंह बिंद्रा और आनंद तिवारी द्वारा बनाई गई है। इसमें ऋत्विक भौमिक एक हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीतकार के रूप में शुरुआत करने वाले कलाकार बने हैं जो तमन्ना शर्मा (श्रेया चौधरी) से मिलने पर पॉप संगीत की दुनिया से परिचित होते है। यह मुलाकात उन्हें अपने संगीत के नए पहलुओं को खोजने में मदद करती है और परंपरा और आधुनिकता के बीच एक संघर्ष जन्म लेता है। फिर वे एक ऐसे मिले जुले संगीत को बनाने के लिए तालमेल बिठाते हैं जो एक नयी मंज़िल को खोज निकालता है. श्रृंखला में नसीरुद्दीन शाह, शीबा चड्डा और अतुल कुलकर्णी भी हैं। फिल्म का साउंडट्रैक एल्बम और बैकग्राउंड स्कोर शंकर-एहसान-लॉय द्वारा दिया गया है।

हीरामंडी: हीरा बाजार

संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित इस नेटफ्लिक्स कहानी का सम्मोहक संगीत शीर्ष स्थान पर बना हुआ है। ‘सकल बन’, ‘नजरिया की मारी’, ‘सैयां हटो जाओ’ और ‘चौदहवी शब’ जैसे संगीतमय टुकड़ों के साथ, यह शो न केवल शास्त्रीय संगीत बल्कि अमीर खुसरो के पारंपरिक गीतों का भी जश्न मनाता है। इन रचनाओं को भंसाली ने सिनेमाई तड़के के साथ छोटे पर्दे पर जीवंत कर दिया है। कला के प्रति उनका जुनून प्रत्येक गीत के चित्रण को अविस्मरणीय सुंदरता से भर देता है।

पिया बहरूपिया

ज़ी थिएटर का यह संगीत शेक्सपियर की कॉमेडी ‘ट्वेल्थ नाइट’ का एक मनोरंजक संगीत रूपांतरण है। लोक संगीत की अनूठी धुनों पर आधारित, ‘पिया बेहरूपिया’ ड्यूक ओर्सिनो, ओलिविया, सेसरियो और वियोला की जटिल प्रेम कहानियों पर फिर से नज़र डालता है। दर्शकों के इस पसंदीदा नाटक ने दुनिया भर की यात्रा की है और लंदन में शेक्सपियर के ग्लोब थिएटर सहित कई प्रतिष्ठित स्थानों पर इसका मंचन किया गया है। इसकी शानदार सफलता में संगीत और नृत्य ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। अतुल कुमार द्वारा निर्देशित इस टेलीप्ले में गीतांजलि कुलकर्णी, अमितोष नागपाल, सागर देशमुख, मानसी मुल्तानी, मंत्र मुग्ध, गगन रियार, नेहा सराफ, तृप्ति खामकर और सौरभ नायर भी हैं। इसे 21 जून को टाटा प्ले थिएटर में देखें।

आज रंग है

शास्त्रीय संगीत और अमीर खुसरो की समन्वित कविताऐं इस ज़ी थिएटर टेलीप्ले को बहुत ख़ास बनाती हैं. कहानी एक ऐसे पड़ोस के बारे में है जहां बेनी बाई, एक पूर्व बैठक गायिका अक्सर जीवन से जुड़े सवालों के जवाब ढूंढ़ने और पड़ोसियों को सलाह देने के लिए अपने संगीत के ज्ञान को खंगालती है । वह और उसके पड़ोसी सहज सद्भाव में रहते हैं जब तक कि सांप्रदायिकता की आग उन तक नहीं पहुंच जाती और उनका जीवन हमेशा के लिए बदल नहीं जाता। संगीत और नृत्य के साथ ‘आज रंग है’ मानवता के कई रंगों को दर्शाता है। सौरभ श्रीवास्तव द्वारा निर्देशित और पूर्वा नरेश द्वारा लिखित, इस संगीतमय नाटक में नज़र आएंगे त्रिशला पटेल, सारिका सिंह, प्रेरणा चावला, प्रितिका चावला, खुद पूर्वा नरेश, पवन उत्तम, इमरान रशीद, सुकांत गोयल, निशी दोशी और राजश्री देशपांडे। इसे 21 जून को एयरटेल स्पॉटलाइट, डिश टीवी रंगमंच एक्टिव और डी2एच रंगमंच एक्टिव पर देखें।

लेडीज़ संगीत

पूर्वा नरेश की यह रचना परंपरा और आधुनिकता के बीच टकराव पर प्रकाश डालने के लिए कथा में संगीत का सहारा लेती है। यह पितृसत्ता, लैंगिक दुविधाओं और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की भी चर्चा करती है। कई संगीतमय दृश्यों को साथ लिए कहानी है राधा की सिद्धार्थ के साथ उसके पैतृक घर में होने वाली शादी की । उनका बड़ा परिवार इस अवसर को बॉलीवुड शैली में मनाने के लिए पूरी तरह तैयार है, लेकिन भीतर ही भीतर पीछे कई तनाव पैदा हो रहे हैं। हास्य, तीक्ष्ण अंतर्दृष्टि और शानदार संगीतमय दृश्यों के साथ, ज़ी थिएटर का यह टेलीप्ले मनोरंजन के साथ-साथ कुछ सोचने के लिए भी प्रेरित करता है। सुमन मुखोपाध्याय द्वारा निर्देशित, टेलीप्ले में जॉय सेनगुप्ता, निधि सिंह, सिद्धांत कार्निक, लवलीन मिश्रा, हर्ष खुराना, सारिका सिंह, मोनिका गुप्ता, निरंजन अयंगर, मल्लिका सिंह और निवेदिता भार्गव भी हैं। इसे 21 जून को टाटा प्ले थिएटर में देखें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button