जरूरी है राष्ट्रीय वेतन आयोग का गठन, पेंशन में समाहित हो 50 फीसदी मूल वेतन

– दिल्ली में गूंजा मप्र के कर्मियों का डंका, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के समक्ष दमदारी से बोले
भोपाल, । मध्य प्रदेश के कर्मचारी नेता राज्य की धरती पर जरूर आपस में लड़ते झगड़ते रहते हों। लेकिन दूसरे प्रदेशों में इनकी एकता एक मिसाल मानी जाती है। हाल ही में देश व्यापी इपसेफ के बैनर तले दिल्ली में एक मैराथन बैठक हुई। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की गई। इस दौरान इंडियन पब्लिक सर्विस एम्पलाइज फेडरेशन यानि इपसेफ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मैराथन बैठक दिल्ली विश्वविद्यालय और कॉलेज कर्मचारी यूनियन में संपादित की गई। फेडरेशन नेशनल प्रेसिडेंट बीपी मिश्रा की अध्यक्षता में यह बैठक हुई। जिसमें 20 राज्यों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की गई जहां मध्य प्रदेश के कर्मचारियों ने प्रमुख मुद्दों पर दमदारी के साथ अपनी बात रखी।
– अनेक प्रस्ताव हुए पारित, रक्षा मंत्री से सार्थक चर्चा- एसबी सिंह
फेडरेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ठाकुर एसबी सिंह ने बताया कि रक्षा मंत्री से सार्थक चर्चा हुई है। इस दौरान प्रस्ताव पारित किया गया कि नई पेंशन व्यवस्था की जगह पुरानी पेंशन योजना सरकार को लागू करना होगी। स्थाई राष्ट्रीय वेतन आयोग का गठन जरूरी है। महंगाई भत्ते का 50 फीसदी मूल वेतन पेंशन में शामिल करना होगा। सरकारी क्षेत्र एवं सुशासन निकायों में कार्यरत हर तरह के ठेका कर्मचारियों को नियमित कर ठेकेदारी प्रथा से मुक्ति दिलाना होगी। सभी केंद्रीय स्वायत्तशासी निकायों के कर्मचारियों को 2014 एवं 2015 से देय बोनस बकाया राशि समेत भुगतान किया जाए। कोरोना काल में दिवंगत कर्मचारी के एक आश्रित को पांच फीसदी की सीमा से अलग अनुकंपा आधार पर बिना शर्त नियुक्ति प्रदान की जाए। कोरोना काल में अवैध रूप से रोके गए महंगाई भत्ते का भी शीघ्र भुगतान हो।
– रक्षा मंत्री ने कैबिनेट में सभी मांगे रखने का दिया भरोसा- सुभाष शर्मा
दिल्ली में बैठक से भाग लेकर लौटे फेडरेशन के मध्य प्रदेश अध्यक्ष सुभाष शर्मा ने बताया कि इपसेफ के 20 राज्यों के पदाधिकारियों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी उनके आवास पर भेंट की। लोकसभा चुनाव में विजयी होने के लिए बधाई दी और आग्रह किया कि देश भर के कर्मचारियों की उपरोक्त मांगों पर सार्थक निर्णय हो। रक्षा मंत्री ने कहा कि इन मांगों पर मंत्रिपरिषद की बैठक में भी जोरदारी से पैरवी करेंगे। विश्वास रखते हैं कि निर्णय कर्मचारियों के पक्ष में ही होंगे। राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि पूरे राजनीतिक जीवन काल में उन्होंने कर्मचारियों के प्रति पारिवारिक दृष्टिकोण बनाकर उनकी मदद की है। आगे भी इसी तरह मदद करते रहेंगे। इस मौके पर 20 राज्यों के संगठनों के 200 पदाधिकारी बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे थे। महामंत्री प्रेमचंद के अनुसार इसमें दीपक ढोलकिया राष्ट्रीय सलाहकार दिल्ली, अनिल शुक्ला वरिष्ठ उपाध्यक्ष छत्तीसगढ़, विष्णु पटेल गुजरात देवेंद्र शर्मा राकेश सिंह भदोरिया ईश्वर सिंह शर्मा हरियाणा, हरि कृष्ण शांडिल हिमाचल प्रदेश, शाहिद फैयाज जम्मू कश्मीर, विपिन प्रकाश शर्मा राजस्थान, अतुल मिश्रा उत्तर प्रदेश, राम नगीना प्रसाद दिल्ली, सुब्बा रेड्डी आंध्र प्रदेश सहित अनेक राज्यों के पदाधिकारी मौजूद थे। राजनाथ सिंह से मुलाकात करने के बाद श सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि उपरोक्त मांगों पर देश भर के कर्मचारी नवंबर माह में आंदोलन करेंगे। इसके बाद फेडरेशन का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। जिसमें उपस्थित से जुड़े सभी कर्मचारी भाग लेंगे।