मध्य प्रदेश

दो हजार कर्मचारी परेशान विंध्याचल की कैंटीन समस्या का का नहीं हुआ समाधान


– कर्मचारियों ने कहा कि अब मजबूरी में करना पड़ेगा हमें आंदोलन
भोपाल। जिस विंध्याचल की कैंटीन में करीब दो हजार कर्मचारी जलपान करते आ रहे हैं। वह पिछले 2 साल से बंद पड़ी हुई है। अब हालात यह है कि खाने पीने की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण कर्मचारियों को काम छोड़कर बाजार में भागना पड़ रहा है। इससे जहां काम का नुकसान हो रहा है। वहीं हर दिन परेशानी ही बढ़ रही है। अब इस मामले को लेकर कर्मचारियों ने आंदोलन की चेतावनी दी है।
– बार-बार पत्र लिखने के बाद भी नहीं कोई सुनवाई- जितेंद्र सिंह
मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने बताया कि विंध्याचल भवन स्थित चाय की कैंटीन विगत दो वर्षों से बंद पड़ी है उक्त कैंटीन को प्रारंभ किए जाने हेतु संगठन द्वारा लोक निर्माण विभाग के सचिव मुख्य अभियंता एवं कार्यपालन यंत्री को पत्र लिखे गए एवं मुख्य अभियंता एवं कार्यपालन यंत्री से उपरोक्त कैंटीन को शुरू करने हेतु बार-बार निवेदन किया गया। किंतु लोक निर्माण विभाग राजधानी परिक्षेत्र द्वारा उपरोक्त कैंटीन को प्रारंभ करने में कोई रुचि नहीं दिखाई जा रही है फल स्वरुप कर्मचारीयो को समय बर्बाद कर भवन से बाहर चाय नाश्ता करने विवस होना पड़ रहा है। वही कैंटीन में पुरानी फाइले एवं फर्नीचर आदि रखे गए हैं जो अग्निकांड का कारण बन सकते हैं संघ ने यह चेतावनी दी है कि यदि कैंटीन शुरू नहीं की गई तो उग्र आंदोलन होगा।
– कर्मचारी हर दिन उठा रहे हैं भारी परेशानी- सुभाष शर्मा
अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की प्रवक्ता सुभाष शर्मा ने कहा है कि इस कैंटीन को बंद हुए करीब 2 साल से अधिक का समय हो गया है। जबकि कैंटीन की शुरुआत भी इसलिए की गई थी। ताकि कर्मचारी काम करते हुए यहीं पर जलपान कर सके। चाय नाश्ता के अलावा भोजन की भी यहां व्यवस्था हुआ करती थी लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण पिछले 2 साल से या कैंटीन बंद पड़ी हुई है। हमारे साथी सरकारी सेवक प्रतिदिन भोजन अवकाश में इधर-उधर भागते हैं। जिसमें उनके समय की भारी बर्बादी हो रही है। सुभाष शर्मा का कहना है कि अब इंतजार नहीं करेंगे। अगर शीघ्र कैंटीन की शुरुआत नहीं की गई तो फिर आंदोलन किया जाएगा। सुभाष शर्मा का कहना है कि इस कैंटीन में अधिकारियों ने पुरानी फाइलें और कबाड़ भर के रख दिया है।
– सतपुड़ा की कैंटीन भी अधिकारियों की लापरवाही से बंद- एसबी सिंह
मध्य प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर एसबी सिंह सिंह कहते हैं कि विंध्याचल की कैंटीन को जहां अधिकारियों ने बर्बाद कर डाला है वही सतपुड़ा की कैंटीन भी पिछले पांच साल से बंद पड़ी हुई है। श्री सिंह कहते हैं कि यहां पर भी करीब आधा दर्जन विभागों के अलावा दो दर्जन राज्य संचालनालय लगते हैं। लेकिन अधिकारियों की करतूतों के कारण यहां कर्मचारियों को परेशान होना पड़ रहा है। श्री सिंह का कहना है कि इन भवनों का रखरखाव करने वाले जिम्मेदार अधिकारी एक प्रकार से अमानवीय हो रहे हैं। इन्हें सरकारी नियम कानूनों की परवाह नही है। ना ही इन्हें कर्मचारियों की कोई फिक्र है। इसलिए कर्मचारियों की नाराजगी बढ़ रही है।

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