मरीजों के लिए रोज खाने का बजट 200 रुपए हो’, स्वास्थ्य विभाग ने राज्य सरकार को भेजा प्रस्ताव

भोपाल। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तक रोगियों के भोजन और नाश्ते का बजट 200 रुपये प्रतिदिन करने के लिए लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने फिर राज्य शासन को प्रस्ताव भेजा है।अभी मात्र 48 रुपये प्रतिदिन हर मरीज के हिसाब से शासन की ओर से अस्पतालों को दिया जा रहा है। इसमें दो बार का नाश्ता और दो बार का भोजन उपलब्ध करना होता है। इसे सौ रुपये करने का प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग की ओर से शासन को छह माह पहले भेजा गया था, जिस पर वित्त विभाग ने सहमति नहीं दी थी। अब उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने नए सिरे प्रस्ताव तैयार कर भेजने के निर्देश दिए हैं। सरकार दो-दो बार गुणवत्तापूर्ण भोजन और नाश्ता महज 48 रुपये प्रतिदिन में उपलब्ध करवाने का दावा कर रही है, पर सच्चाई यह है कि नाश्ते और खाने की गुणवत्ता ठीक नहीं है।
एम्स में 150 रुपए प्रतिदिन का बजट
एम्स में 150 रुपये प्रतिदिन का बजट है, जिससे गुणवत्ता बेहतर है। इस मामले में विभाग के अधिकारियों और पूर्व मंत्रियों ने भी रुचि नहीं दिखाई। यही कारण है कि वर्ष 2014 के बाद से भोजन का बजट जस का तस है, जबकि महंगाई कई गुना बढ़ गई है।गर्भवती महिलाओं के लिए 40 रुपये राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) से अतिरिक्त मिल रहा है। इस तरह उनका भोजन और नाश्ते पर हर दिन का बजट 88 रुपये हो गया है। उल्लेखनीय है रोगियों की प्रतिरोधक क्षमता अच्छी रखने के लिए पर्याप्त पोषण तत्वों वाले भोजन की आवश्यकता होती है।