जनसंवाद में श्रमिक उत्पीड़न के मामले आए सामने
असंगठित श्रमिकों के मुद्दों पर जनसंवाद संपन्न
भोपाल, इंस्टीट्यूट आफ सोशल रिसर्च एंड डेवलपमेंट यानी आई एस आर डी संस्था द्वारा असंगठित श्रमिकों के मुद्दों पर राजधानी स्थित महात्मा ज्योतिबा फुले भवन में जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। निर्माण श्रमिक कल्याण समिति भोपाल, घरेलू कामगार यूनियन मध्यप्रदेश और स्ट्रीट वेंडर्स एसोसिएशन भोपाल के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में भोपाल की विभिन्न बस्तियों से लगभग 150 मजदूरों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की भूमिका एवं रूपरेखा को बताते हुए आई एस आर डी संस्था के निदेशक फ्रांसीसी एंथोनी ने जनसंवाद की शुरुआत की और कार्यक्रम का संचालन गौरव जाट ने किया। कार्यक्रम में पैनलिस्ट के रूप में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भारत विज्ञान समिति और महासचिव अखिल भारतीय जनविज्ञान नेटवर्क आशा मिश्रा, सामाजिक कार्यकर्ता और श्रमिक मामलों के जानकार सत्यम पांडे और ट्रेड यूनियन एक्टिविस्ट विजय कुमार शामिल थे। इसके अलावा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग कोलार उमेश सिंह, वार्ड क्रमांक 80 कोलार की पार्षद सुनीता गुड्डू भदौरिया एवं ऊर्जा डेस्क प्रभारी थाना कोलार संगीता व चमेली उपस्थित थे।
कार्यक्रम में निर्माण निर्माण श्रमिक कल्याण समिति भोपाल के संयोजक जीतमल मेवाड़ा, घरेलू कामगार यूनियन मध्यप्रदेश की अध्यक्ष जयश्री वाकोडे और स्ट्रीट वेंडर्स एसोसिएशन की अनीता वट्टी विशेष रूप से शामिल थे।
जनसंवाद के दौरान 15 श्रमिकों ने अपने उत्पीड़न की केस स्टडी प्रस्तुत की, जिनमें 7 निर्माण श्रमिक, 4 घरेलू कामगार और 4 स्ट्रीट वेंडर शामिल थे। इन केस स्टडीज में न्यूनतम मजदूरी का उल्लंघन, असुरक्षित कार्य परिस्थितियां, सामाजिक सुरक्षा लाभों का अभाव, और कार्यस्थल पर भेदभाव जैसे मुद्दे प्रमुख रूप से सामने आए।
प्नलिस्ट्स ने इन मुद्दों पर गहन चर्चा की और समाधान के लिए कई सुझाव दिए। आशा मिश्रा ने महिला श्रमिकों के लिए सुरक्षित कार्य दशाओं और सामान कार्य के लिए सामान पारिश्रमिक की आवश्यकता पर जोर दिया। सत्यम पांडे ने श्रम. कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन की मांग की, जनकि विजय कुमार ने श्रमिकों के संगठन और सामूहिक सौदेबाजी के महत्व पर प्रकाश डाला।
मुख्य अतिथि उमेश सिंह ने श्रमिकों की समस्याओं को गंभीरता से लेने और उनके समाधान के लिए बेहतर शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्रमों की आवश्यकता पर जोर दिया। पार्षद सुनीता गुड्डू भदौरिया ने स्थानीय स्तर पर श्रमिकों की मदद के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई।
जनसंवाद असंगठित श्रमिकों की समस्याओं को समझने और उनके समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम-प्रीमा धुर्वे
कार्यक्रम की संयोजक प्रीमा धुर्वे ने कहा, “यह जनसंवाद असंगठित श्रमिकों की समस्याओं को समझने और उनके समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें उम्मीद है कि इस तरह के संवाद से श्रमिकों के हित में सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम लागू और ठोस नीतिगत परिवर्तन होंगे।”
जनसंवाद के अंत में, सभी प्रतिभागियों ने असंगठित श्रमिकों की स्थिति में सुधार लाने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया। बबलू पटेल ने जनसंवाद कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी श्रमिकों, पैनालिसटो एवं अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में संस्था की ओर से उपाध्यक्ष नवीन पुरोहित, मंजू डेविस, मंगल सिंह, सीता बाथम, विशाल वर्मा, आदित्या, रूबी, आकांक्षा शामिल रहे।