मध्य प्रदेश

विसंगतिपूर्ण अतिशेष की प्रक्रिया पर लगे रोक, अन्यथा करेंगे आंदोलन

– मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस के अध्यक्ष चतुर्वेदी ने विभाग को चेताया
भोपाल। अतिशेष की विसंगति पूर्ण प्रक्रिया को लेकर अब विभाग पर चौतरफा हमले हो रहे हैं। शिक्षक कांग्रेस भी इसके विरोध में खुलकर मैदान में आया है। चेतावनी दी गई कि अगर विभाग ने इस पर रोक नहीं लगे तो उग्र आंदोलन करने पर विवश होना पड़ेगा।
मप्र शिक्षक कांग्रेस के प्रांताध्यक्ष नवनीत चतुर्वेदी एवं प्रमुख महामंत्री किशन रजक ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में बताया है कि विभाग द्वारा वर्तमान में आननफानन में शिक्षकों की पदस्थापना अतिशेष के माध्यम से काउंसलिंग कर 28 अगस्त को स्थान्तरण नीति 2022 की कंडिका 3.2 के आधार पर करने के निर्देश जारी किए गए है। अतिशेष में जो चिन्हांकन किया गया है। वह पूरी तरह से विसंगति पूर्ण है । एजुकेशन पोर्टल को ठीक से अद्यतन नही किया गया है। कई कनिष्ठों को अतिशेष दर्शाया गया है। कई विद्यालयों में आरटीई के मान से छात्र शिक्षक अनुपात को नजर अंदाज किया गया है। साथ बी नीति की कंडिका 3.2 में वर्णित प्रावधानों का उलंघन कर चिन्हांकन किया गया है । साथ ही काउंसलिंग हेतु जो पूर्व वर्षों में नीति निर्धारित की गई थी। उस वरिष्ठताक्रम को भी नही अपनाये जा रहा है। जिससे पारदर्शिता एवं सुचिता की उम्मीद नही बची है। संगठन शासन से मांग करता है कि पहले समस्त श्रेणी के उच्च पद प्रभार से शेष रहे शिक्षको के आदेश जारी किये जावें। तत्पश्चात पोर्टल को अधतन संकुल प्राचार्यों से कराया जाये और छात्र संख्या का आधार वर्तमान सत्र माना जाये। व्यक्तिगत दावे आपत्ति के लिए 4 घंटे का समय देना भी पर्याप्त नही है। दावे आपत्ति के लिए कम से कम एक सप्ताह का समय दिया जाये। व्यक्तिगत दावे आपत्ति से भी नीतिगत त्रुटियों में सुधार नही हो सकेगा। अतिशेष प्रक्रिया नीति विरुद्ध एवं विसंगति पूर्ण होने से शिक्षा जगत में भारी असंतोष और आक्रोश व्याप्त है। जब तक पोर्टल विसंगति रहित एवं पूरी तरह अद्यतन नही हो जाता। तब तक अतिशेष की प्रक्रिया को रोका जाये। अन्यथा मध्य्प्रदेश शिक्षक कांग्रेस पूरे प्रदेश में एक वृहद आंदोलन करने के लिए विवश रहेगी ।

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