नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेलों के दामों में आई गिरावट के बाद बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर (windfall profits tax) को घटाकर शून्य कर दिया है। यह फैसला 18 सितंबर से लागू होगा। दरअसल, हाल के दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें चार साल के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। इसके बाद पेट्रोलियम कंपनी को भरोसा है कि अगर कीमतें लगातार नीचे और स्थिर रहती हैं तो आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल के दामों में बड़ी कटौती की जा सकती है। माना ये भी जा रहा है कि दीवाली से पहले तेल कंपनियां आम जनता को बड़ी राहत दे सकती हैं।इससे पहले सरकार ने पिछले महीने यानी 17 अगस्त को कच्चे पेट्रोलियम पर अप्रत्याशित लाभ कर (विंडफ़ॉल टैक्स) को घटाकर 2,100 रुपये प्रति टन किया था। इस कर को विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (SAED) के रूप में लगाया जाता है। डीज़ल, पेट्रोल, और जेट ईंधन (ATF) के निर्यात पर SAED को ‘शून्य’ पर बरकरार रखा गया था। सरकार पिछले दो हफ़्तों के औसत तेल कीमतों के आधार पर हर पखवाड़े विंडफ़ॉल टैक्स की समीक्षा करती है। भारत ने पहली बार 1 जुलाई 2022 को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था।
इस बीच अमेरिकी कच्चे तेल का मंगलवार को भाव 71 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर रहा, क्योंकि इस बात की उम्मीद बढ़ रही है कि फेडरल रिजर्व इस सप्ताह ब्याज दरों में कटौती करेगा और मैक्सिको की खाड़ी में उत्पादन अभी भी बाधित है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें जोर पकड़ रही हैं, जो मांग के लिए अच्छी खबर हो सकती है।”