चयनित होने के बावजूद नियुक्ति से वंचित हैं सैकड़ों अभ्यर्थी
विसंगति पूर्ण नीति बनी बाधा
भोपाल, 30 सितंबर। उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2023 के 100 से अधिक चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति से वंचित हैं। मेरिट में आने के बावजूद 100 से अधिक अभ्यर्थियों को जनजातीय कार्य विभाग तथा स्कूल शिक्षा विभाग (लोक शिक्षण संचालनालय) के द्वारा नियुक्ति से वंचित किया जा रहा है । नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थी पात्रता परीक्षा के आवेदन के दौरान 27 जनवरी 2023 को बी.एड के प्रथम वर्ष में अध्यनरते थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट 16.07.2019 के निर्णय तथा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) 4 अगस्त 2022 के दिशा निर्देश अनुसार बी. एड. में प्रवेशित / अध्यनरत अभ्यर्थी पात्रता परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु पात्र है तथा हम सभी की व्यावसायिक योग्यता (बी.एड.) विभाग की काउंसलिंग प्रक्रिया के अतर्गत दस्तावेज अपलोड। सत्यापन के पूर्व पूर्ण हो चुकी है। हाल ही में 12 एवं 13 सितंबर 2024 को कार्यालय आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग ने अभ्यर्थियों को व्यक्तिगत रूप से एक पत्र जारी कर 23 एवं 24 सितंबर 2024 को समक्ष सुनवाई हेतु साक्ष्य के साथ बुलाया था। हम सभी अभ्यर्थियों ने समिति के समक्ष प्रस्तुत होकर सभी साक्ष्य रखे परंतु उन्होंने माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय तथा NCTE की गाइडलाइंस और अन्य राज्यों के द्वारा जैसे उत्तीसगढ़ एवं उत्तराखंड के द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय तथा NCTE की गाइडलाइंस का पालन करते हुए भर्ती नियमों में आंशिक संशोधन किए गए, उपरोक्त सभी साक्ष्यों को समिति ने मानने से इन्कार कर दिया और कहा कि हम हमारे द्वारा बनाई गई पात्रता परीक्षा नियम पुस्तिका के नियमों का पालन करेंगे उन नियमों के अनुसार आपकी अभ्यर्थिता मान्य नहीं होगी जबकि लोक शिक्षण संचालनालय तथा जनजातीय कार्य विभाग ने पूर्व में आयोजित म.प्र. उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2018 में बी.एड. में प्रवेशित/ अध्यनरत अभ्यर्थियों को 2022 (4 वर्ष) तक का अतिरिक्त समय देकर नियुक्ति प्रदान की गई थी जो कि वर्तमान में विभिन्न स्कूलों में सेवारत है। उच्च पद पर बैठे अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय तथा NCTE की गाइडलाइंस को ना मानते हुए अपने नियमों की तानाशाही चला रहे हैं और हम बेरोजगार अभ्यर्थियों को नियुक्ति से वंचित कर रहे हैं। यह जानकारी अभ्यर्थी लक्ष्मण सिंह और धीरज ने प्रेस वार्ता में दी।