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कहां खपाई जाती थी भोपाल की फैक्ट्री में बन रही ड्रग्स, 1800 करोड़़ से अधिक की एमडी ड्रग्स जब्त

भोपाल। राजधानी में बड़ी मात्रा में अवैध ड्रग्स निर्माण का खुलासा किया गया है। सवाल उठता है कि इतने व्यापक पैमाने पर तैयार किए जा रहे ड्रग्स की आपूर्ति कहां होती थी। बता दें कि शहर के क्षेत्र बगरोदा की एक फैक्ट्री में भोपाल और पुणे के दो व्यक्ति करीब छह माह से अवैध रूप से मादक पदार्थ मेफोड्रोन (एमडी) ड्रग्स बना रहे थे। रविवार को गुजरात पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए फैक्ट्री से 900 किलोग्राम यानी 1800 करोड़ की एमडी ड्रग्स जब्त की गई। ड्रग्स के कारोबार के मामले में भोपाल के कोटरा सुल्तानाबाद निवासी अमित चतुर्वेदी पिता प्रकाशचंद चतुर्वेदी और नासिक के सान्याल बाने को गिरफ्तार किया है। गुजरात में कुछ दिन पहले पकड़ाए ड्रग्स से भोपाल में फैक्ट्री संचालित होने का इनपुट मिला था। गुजरात एटीएस ने दोनों आरोपियों को भोपाल की विशेष अदालत में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है। भोपाल में छह माह से ड्रग्स बनाने की यह अवैध फैक्ट्री संचालित हो रही थी, लेकिन भोपाल पुलिस को इसकी कोई भनक नहीं लगी। हालाकि गुजरात के मंत्री हर्ष संघवी ने सोशल मीडिया पर कार्रवाई में एमपी पुलिस के सहयोग को लेकर धन्यवाद दिया है। जिस फैक्ट्री में ड्रग्स बनाया जा रहा था, वह भोपाल के कटारा हिल्स थाना क्षेत्र के बगरोदा औद्योगिक क्षेत्र में है।

सान्याल कुछ माह पहले ही जेल से छूटा
गुजरात एटीएस के डीएसपी एचएएल चौधरी ने मीडिया को बताया कि आरोपी सान्याल बाने नासिक महाराष्ट्र का रहने वाला है। वह कुछ माह पहले ही मुंबई जेल से छूटा है। सूरत में ड्रग्स तस्करों के खिलाफ की गई कार्रवाई से उसका लिंक मिला था। इसके बाद भोपाल में एनसीबी के साथ कार्रवाई की गई है। यहां आसपास की तीन से चार फैक्ट्रियों/शेडों में ड्रग्स बनाने के सामान मिले हैं। आरोपी प्रतिदिन करीब 25 किलोग्राम एमडी ड्रग्स का उत्पादन कर रहे थे। देश के कई राज्यों के तस्करों से इनके संबंध भी सामने आए हैं। कार्रवाई के दौरान 907 किलो एमडी ड्रग्स, जिसका अंतरराष्ट्रीय मूल्य 1800 करोड़ रुपये है, बरामद किया गया। इसके साथ ही करीब 5000 किलोग्राम ड्रग्स बनाने की सामग्री जब्त की गई है। साथ ही ग्राइंडर्स, मोटर्स, ग्लासफ्लॉस, हीटर्स को किया जब्त गया है।

शनिवार रात मारा छापा
जानकारी सामने आ रही है कि शनिवार को ही गुजरात एटीएस ने एनसीबी के साथ मिलकर छापा मार दिया था। रातभर छापे की कार्रवाई चलती रही। रविवार को दोपहर में जब आरोपियों का मेडिकल कराने और कोर्ट में पेश करने की स्थिति आई, तब भोपाल पुलिस से गुजरात एटीएस ने संपर्क किया। इसके बाद मध्यप्रदेश पुलिस को कार्रवाई की जानकारी मिली। जांच के दौरान पता चला कि यहां मादक दवा मेफेड्रोन (एमडी) बनाने का काम चल रहा था।

सान्याल है मास्टरमाइंड
गुजरात एटीएस द्वारा जो कार्रवाई की गई है, उसमें बताया गया है कि सान्याल बाने वर्ष 2017 में महाराष्ट्र के अंबोली पुलिस स्टेशन इलाके में एक किलो एमडी ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में पांच साल की सजा काटने के बाद जब जेल से बाहर आया, उसके बाद अमित चतुर्वेदी से संपर्क किया और दोनों यहां एमडी ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री मिलकर संचालित करने लगे। हालांकि, दोनों की दोस्ती कैसे हुई, इसकी पड़ताल अब भोपाल पुलिस भी कर रही है।

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