सांस्कृतिक सिन्धी गरबा महोत्सव के तीसरे दिन माता रानी की आराधना में डूबे श्रद्धालु
भक्ति और साधना के साथ पेश की अनेकता में एकता की तस्वीर
भोपाल का सिन्धी समाज पहुंचा सामाजिक गरबा का आनंद लेने
भोपाल। सिन्धी मेला समिति द्वारा आयोजित सांस्कृतिक गरबा महोत्सव के तीसरे दिन माता रानी की आराधना में श्रद्धालु लीन रहे। इस दौरान गरबा लवर्स का उत्साह देखते ही बना, अलग-अलग गेटअप, अट्रैक्टिव ड्रेस में पार्टिसिपेंट्स तीसरे दिन उत्साह और उमंग के साथ शामिल हुए। कुछ लोग सिर पर माता की पालकी लेकर पहुँचे, तो कुछ महिलाओं और युवाओं ने अलग- अलग राज्यों जैसे गुजरात, राजस्थान और पारंपरिक वेशभूषा में तथा अलग अलग थीम में आकर गरबे का आनंद लिया और अनेकता में एकता का संदेश दिया। सुंदरवन नर्सरी के प्रांगण में भारत के बहुत रंग देखने को मिले। मां अम्बे की आरती और भगवान झूलेलाल के बेहराणे की ज्योत जलाने के बाद गरबा शुरू हुआ, डांडिया राउंड सभी जगह छोटे-बड़े मां की भक्ति में थिरक रहे थे। भोपाल का सिन्धी समाज दूर दूर से सामाजिक गरबे का आनंद लेने पहुंचा। इसके अलावा बच्चे युवक-युवतियां देर रात तक डीजे पर बजते हिन्दी, सिन्धी, गुजराती गीतों पर थिरकते नजर आये। आज तीसरे दिन पर विशेष रूप से सिन्धी मेला के अध्यक्ष मनीष दरयानी, महासचिव नरेश तलरेजा, संरक्षक कन्हैयालाल दलवानी, कार्यक्रम संयोजक विकास मेघानी, सह संयोजक वासु गुलानी, सह संयोजिका वंदना डुलानी के साथ महिला कार्यकारिणी की सदस्या सीमा सबनानी, सरला दलवानी, शकुन देवराख्यानी, चेतना वाधवानी, भारती ठक्कुर, हनी लोकवानी आदि भरपूर उत्साह के साथ शामिल हुए।
जन्तुओं के संरक्षण का दिया संदेश
गरबा महोत्सव में भक्ति, आराधना और संस्कृति के साथ ही जन्तुओं के संरक्षण का संदेश दिया गया। गरबा में शामिल प्रतिभागी विभिन्न जन्तुओं की वेशभूषा में शामिल हुए और बताया कि जन्तु प्रकृति और पर्यावरण का हिस्सा हैं।