ट्रंप बोले, मोदी एक महान नेता लेकिन भारत सबसे अधिक शुल्क लगाने वाला देश
सत्ता में आने पर जवाबी कार्रवाई करने का लिया संकल्प
वाशिंगटन : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सत्ता में आने पर पारस्परिक कर लगाने का संकल्प लेते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि सभी प्रमुख देशों में से भारत विदेशी उत्पादों पर सबसे अधिक शुल्क लगाता है। ट्रम्प ने डेट्रायट में प्रमुख आर्थिक नीति पर अपने भाषण में कहा, ‘‘ शायद अमेरिका को फिर से असाधारण रूप से समृद्ध बनाने की मेरी योजना का सबसे महत्वपूर्ण तत्व पारस्परिकता है। यह एक ऐसा शब्द है जो मेरी योजना में बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हम आम तौर पर शुल्क नहीं लगाते हैं। मैंने वह प्रक्रिया शुरू की थी वैन तथा छोटे ट्रक आदि के साथ…वह बहुत बढ़िया थी। हम वास्तव में शुल्क नहीं लगाते हैं। चीन 200 प्रतिशत शुल्क लगाएगा। ब्राजील बड़ा शुल्क वसूलता है। हालांकि इनमें से सबसे अधिक शुल्क भारत लेता है।”
मोदी एक महान नेता, लेकिन काफी शुल्क लेते हैं
उन्होंने कहा, ‘‘ भारत बहुत अधिक शुल्क लेता है। भारत के साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध हैं। मेरे भी हैं। खास तौर पर नेता (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी के साथ। वे एक महान नेता हैं। महान व्यक्ति हैं। वास्तव में महान व्यक्ति हैं। उन्होंने बहुत बढ़िया काम किया है, लेकिन वे शायद काफी शुल्क लेते हैं।” ट्रम्प की यह टिप्पणी इस सप्ताह की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा के बाद आई है। ट्रंप ने मोदी को ‘‘ सबसे अच्छा इंसान ” करार देते हुए भारतीय नेता को अपना मित्र बताया था। अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रम्प ने कहा था कि मोदी के साथ उनके ‘‘बहुत अच्छे संबंध” हैं।
भारत में व्यापार करना मुश्किल
डेट्रायट आर्थिक क्लब के सदस्यों के सामने डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत से व्यापार करते समय कंपनियां कुछ खास तरीके से शुल्क वसूलती हैं। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि वे कई मामलों में चीन से ज्यादा शुल्क लेते हैं, लेकिन वे इसे मुस्कान के साथ करते हैं।” ट्रंप ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि जब वह व्हाइट हाउस में हार्ले डेविडसन के प्रमुख से मिले, तो उन्होंने बताया कि भारत में व्यापार करना बहुत मुश्किल है क्योंकि वहां बहुत बड़े आयात शुल्क लगाए जाते हैं। ट्रंप ने पूछा कि कौन से देश बेकार हैं, तो हार्ले डेविडसन के प्रमुख ने भारत का नाम लिया और कहा कि आयात शुल्क की वजह से यहां व्यापार करना कठिन है।