खबरदेश

संगठित रहेंगे तो ही खुद व देश को रख सकेंगे सुरक्षित -CM योगी


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने शनिवार की शाम कहा कि जब हम संगठित रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे। योगी आदित्यनाथ यहां मानसरोवर रामलीला मैदान में श्री श्री रामलीला समिति, आर्यनगर की तरफ से आयोजित प्रभु श्रीराम के राजतिलक समारोह को संबोधित कर रहे थे।योगी ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘जब हम संगठित रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे। छुआछूत, अस्पृश्यता को दूर कर एकजुट रहेंगे तो खुद की और राष्ट्र की भी सुरक्षा कर सकेंगे।” उन्होंने कहा, ‘‘हमें उन पाखंडों से दूरी बनाकर रहना है जिसके चलते गुलामी का दंश झेलना पड़ा और आक्रांताओं को हमारे धर्म स्थलों को खंडित करने तथा सामाजिक ताने बाने को छिन्न भिन्न करने का मौका मिला।”

उन्होंने सभी लोगों को विजयादशमी की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा, ‘‘संगठित न रहने के कारण ही गुलामी के अलग-अलग कालखंड में कभी काशी में विश्वनाथ मंदिर, अयोध्या में राम मंदिर और मथुरा में श्रीकृष्ण मंदिर को अपवित्र करने का दुस्साहस आक्रांताओं ने किया।” मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम परतंत्र होंगे तो फिर ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘संगठित रहने के लिए, संगठन की ताकत दिखाने के लिए, आवश्यक है कि हम जाति, मत, संप्रदाय, भाषा, छुआछूत जैसे भेदभाव से दूर रहें।”

योगी ने कहा, ‘‘सनातन समाज कभी विपन्न नहीं रहा। वह बुद्धि और वैभव में सदैव अग्रणी रहा। साजिश के तहत क्षेत्र, जाति, भाषा, मत आदि के नाम पर मध्यकाल में उसे विभाजित किया गया जिसके विषाणु आज भी यत्र-तत्र बिखरे पड़े हैं। इन विषाणुओं को हमें कतई पनपने नहीं देना है।” योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘विजयादशमी के पावन पर्व पर हम अपनी हजारों वर्ष की विरासत को अपने इष्ट के श्रीचरणों में समर्पित कर राज्याभिषेक के रूप में मनाते हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘त्रेतायुग में भगवान श्रीराम ने जब अधर्म, असत्य, अन्याय और अत्याचार के पर्याय रावण का वध किया होगा तो संभवतः इसी तरह सायंकाल रहा होगा।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके लिए यह गौरव की अनुभूति है कि उन्हें भारत की विरासत से जुड़ी विजयादशमी पर गोरक्षपीठ की तरफ से प्रभु श्रीराम के राज्याभिषेक का अवसर प्राप्त होता है। योगी ने कहा कि विजयादशमी पर एक तरफ जहां श्रीराम का राज्याभिषेक होता है, उनकी आरती की जाती है तो वहीं दूसरी तरफ इस अवसर पर रावण के पुतले का दहन भी होता है। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें यह संदेश निहित है कि जो भी मानवता के खिलाफ काम करेगा, अत्याचार करेगा, अधर्म और असत्य के मार्ग पर चलेगा उसका ऐसे ही पुतला जलेगा, चाहे वह कोई भी हो।”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button