एजुकेशनमध्य प्रदेश

एनएसयूआई ने छात्र मांग पत्र की मांगों को लेकर प्रदेशभर से मुख्यमंत्री को पोस्टकार्ड भेजे

कैंपस चलों अभियान के तहत NSUI ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को भेजे पोस्टकार्ड, छात्रों की चार प्रमुख मांगें उठाई

भोपाल। एनएसयूआई निरंतर कैंपस चलों अभियान के माध्यम से छात्र मांग पत्र की मांगों को लेकर विभिन्न तरीके से सरकार के सामने छात्र छात्राओं की प्रमुख मांगों को लाने का प्रयास कर रही हैं इसी कड़ी में आज “कैंपस चलों अभियान” के अंतर्गत NSUI प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे के निर्देश पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को प्रदेशभर से हजारों पोस्टकार्ड भेजकर छात्र मांग पत्र की मांगों तत्काल पूरी करने की मांग की भोपाल में एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे की उपस्थिति में कार्यकर्ताओं ने पोस्टकार्ड भेजें ।आशुतोष चौकसे ने बताया कि छात्र मांग पत्र में हमने चार प्रमुख मांगों को सामने रखा हैं यह कदम प्रदेश में उच्च शिक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने व समस्याओं का समाधान करने के लिए उठाया गया है ‌।

चौकसे ने बताया कि NSUI की चार प्रमुख मांग हैं जिसमें पहली और प्रमुख मांग है कि राज्य में पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून बनाया जाए। NSUI का कहना है कि राज्य सरकार को एक महीने के भीतर सभी शिक्षा संस्थानों की प्रतियोगी परीक्षाओं सहित अन्य परीक्षाओं पर एक सख्त कानून लागू करना चाहिए, जिसमें पेपर लीक की स्थिति में 7 वर्ष का कारावास, संगठित अपराध की स्थिति में 20 वर्ष का कारावास और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना शामिल हो।
दूसरी मांग है कि प्री-मैट्रिक, पोस्ट-मैट्रिक और कॉलेज की छात्रवृत्ति को लोक सेवा गारंटी अधिनियम में शामिल किया जाए और इसकी समय सीमा निर्धारित की जाए। साथ ही, छात्रों को आवास भत्ता लाड़ली बहना योजना की तर्ज पर प्रति माह खाते में मिलना चाहिए। इसके अलावा, 3 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले सभी परिवारों के छात्रों को भी छात्रवृत्ति दी जानी चाहिए। तीसरी मांग हैं कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रत्यक्ष प्रणाली से छात्र संघ चुनाव करवाने की मांग की है, ताकि छात्रों में नेतृत्व क्षमता का विकास हो सके। NSUI का कहना है कि छात्र संघ चुनाव इसी सत्र से शुरू किए जाएं।NSUI की चौथी मांग है कि “सबको शिक्षा, सबको प्रवेश” की नीति को लागू करते हुए प्रदेश के सरकारी महाविद्यालयों में सीटों की संख्या में वृद्धि की जाए। इसके अलावा, नए विषय और कोर्स शुरू किए जाएं और रोजगारमूलक सिलेबस लागू किया जाए। साथ ही, अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों के लिए छात्रावास की संख्या इस सत्र में दोगुनी की जानी चाहिए। NSUI प्रदेश उपाध्यक्ष व अभियान के मीडिया प्रभारी रवि परमार ने कहा, “हम सरकार से अपील करते हैं कि वह छात्रों की इन महत्वपूर्ण मांगों को गंभीरता से ले और जल्द से जल्द उन पर ठोस कदम उठाए। हमारा संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक छात्रों की समस्याओं का समाधान नहीं होता।

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