देशविदेश

भारत विरोधियों को संरक्षण देना कनाडा का राजनीतिक एजेंडा

विदेश मंत्रालय का कनाडा पर तीखा हमला

नई दिल्ली : भारत और कनाडा के बीच संबंधों की तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है। भारत ने सोमवार को कनाडा पर पलटवार किया। दरअसल कनाडा ने भारत को डिप्लोमेटिक मैसेज दिया था। इस मैसेज में कहा गया था कि भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिक उस देश में एक जांच से संबंधित मामले में ‘पर्सन ऑफ इंटरेस्ट’ हैं। विदेश मंत्रालय ने कनाडा के इन आरोपों को निराधार और राजनीति से प्रेरित बताया।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अपना राजनीतिक एजेंडा चला रहे हैं। साथ ही कहा कि भारत के प्रति उनकी ‘शत्रुता’ लंबे समय से स्पष्ट है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत सरकार इन बेतुके आरोपों को दृढ़ता से खारिज करती है। इन्हें ट्रूडो सरकार के राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा मानती है, जो वोट बैंक की राजनीति पर केंद्रित है। विदेश मंत्रालय ने साफ कहा कि प्रधानमंत्री ट्रूडो की भारत के प्रति शत्रुता लंबे समय से देखने को मिल रही है।
भारत की राजनीति में हस्तक्षेप
विदेश मंत्रालय ने ट्रूडो की सरकार पर उन राजनीतिक दलों के समर्थन पर निर्भर रहने का आरोप लगाया जो भारत में अलगाववाद का खुलकर समर्थन करते हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार साल 2018 में, वोट बैंक को लुभाने के उद्देश्य से भारत की उनकी यात्रा ने उन्हें असहज कर दिया। उनके मंत्रिमंडल में ऐसे लोग शामिल हैं जो भारत के संबंध में चरमपंथी और अलगाववादी एजेंडे से खुले तौर पर जुड़े हुए हैं। दिसंबर 2020 में भारतीय आंतरिक राजनीति में उनके खुले हस्तक्षेप से पता चला कि वे इस संबंध में किस हद तक जाने को तैयार हैं। उनकी सरकार एक राजनीतिक दल पर निर्भर थी, जिसके नेता भारत के संबंध में खुले तौर पर अलगाववादी विचारधारा का समर्थन करते हैं। इससे मामला और बिगड़ गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button