● इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरी ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को एक समान इंडस्ट्री के रूप में देखने तथा ऑनलाइन स्किल गेमिंग को संभावना आधारित गेम्स (या जुए) के साथ जोड़ देने से भारत के ऑनलाइन स्किल गेमिंग इंडस्ट्री का विकास रुक गया है
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर 2024: भारत का ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर मौजूदा समय में 3.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर है और इसके 2034 तक 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की क्षमता है। हालांकि, इस सेक्टर को लेकर रेग्युलेशन और टैक्स से जुड़ी चुनौतियां बनी हुई हैं। भारत टैक्स की उच्च दरों के लिए जाना जाता है। खिलाड़ियों द्वारा हासिल की गई कुल जमा राशि पर सभी गेम फार्मेट में 28% वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगता है। यह नियम वैश्विक नियमों के विपरीत है। दुनिया के दूसरे देशों में स्किल आधारित गेम्स को संभावना आधारित गेम से अलग करके रेग्युलेट और परिभाषित किया जाता है और इनको जुआ न मानकर अलग दर से टैक्स लगाया जाता है। यूनाइटेड स्टेट्स इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) और टीएमटी लॉ प्रैक्टिस की रिपोर्ट “पाथ अहेड फॉर ऑनलाइन स्किल गेमिंग इन इंडिया : अनपैकिंग ग्लोबल स्टैंडर्ड्स फॉर रेग्युलेटिंग एंड टैक्सिंग ऑनलाइन स्किल गेमिंग” के मुताबिक, कई देशों में स्किल गेम्स के भीतर भी फैंटेसी गेम्स को एक अलग कैटेगरी में रखा जाता और इनके लिए अलग से रेग्युलेशन और टैक्स नियम बनाए जाते हैं। इस रिपोर्ट में अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन, डेनमार्क और बेल्जियम सहित 12 प्रमुख गेमिंग बाजारों के नियामकीय ढांचे और टैक्स नीतियों पर प्रकाश डाला गया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वैश्विक स्तर पर तमाम देशों में कराधान का आधार माना जाने वाला यूनाइटेड नेशंस सेंट्रल प्रोडक्ट क्लासीफिकेशन (UN CPC) भी ऑनलाइन गेमिंग को ऑनलाइन गैम्बलिंग (जुए) से अलग मानता है।
UNCPC वैश्विक रूप से मान्यता प्राप्त एक प्रणाली है जो ऑनलाइन गेम्स और ऑनलाइन जुए सहित तमाम प्रोडक्ट्स के सही वर्गीकरण का काम करती है। UNCPC के तहत, ऑनलाइन गेम (प्रविष्टि 84391) और ऑनलाइन जुआ (प्रविष्टि 96921 प्रविष्टि 96929 के साथ पढ़ें) को अलग-अलग कैटेगरी में रखा गया है, जिसमें कोई ओवरलैप नहीं है। ऑनलाइन गेम में रोल-प्लेइंग गेम (RPG), स्ट्रैटेजी गेम, एक्शन गेम और इंटरनेट पर खेले जाने वाले कार्ड गेम शामिल हैं, भले ही वे प्रवेश शुल्क या असली पैसे के साथ खेले जाएं। लेकिन इनमें जुए का कोई भी रूप शामिल नहीं होना चाहिए। ऑनलाइन जुए में लॉटरी, लोट्टो, ऑफ-ट्रैक बेटिंग और कैसीनो सर्विसेज जैसी सेवाएं शामिल होती हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नॉर्थ अमेरिकन इंडस्ट्री क्लासिफिकेशन सिस्टम (NAICS) जुए को फैंटेसी स्पोर्ट्स और स्किल बेस्ड गेम्स से अलग वर्गीकृत करता है। उदाहरण के लिए स्किल बेस्ड गेम प्रदान करने वाले स्किल्ज़ यूएस आइएनसी का NAICS कोड फैंट्सी गेम प्रदान करने वाले ड्राफ्टकिंग्स के NAICS कोड से अलग है।
प्रमुख वैश्विक जानकारियां :
रिपोर्ट से पता चलता है कि सभी 12 देशों में संभावना आधारित गेम्स (गेम्स ऑफ चांस) के लिए अलग कानूनी परिभाषा है, जो इनको स्किल बेस्ड गेम्स से स्पष्ट रूप से अलग करती है। 12 देशों के कानूनों या रेग्युलेटरों में से 8 ने फैंटेसी गेम्स को अलग से रेग्यूलेशन और/या टैक्सेशन के लिए परिभाषित किया है। खास बात ये है कि स्किल बेस्ड गेम्स को सभी 12 देशों में अलग नजरिए से देखा जाता है और उन्हें एक अलग, स्टैंडअलोन कैटेगरी में रखा जाता है। स्किल बेस्ड गेम्स पर लागू टैक्स की दरें आमतौर पर संभावना आधारित गेम्स की तुलना में कम होती हैं। सभी देशों में, स्किल बेस्ड गेम्स पर प्लेटफ़ॉर्म शुल्क या ग्रॉस गेमिंग रेवेन्यू (GGR) पर कर लगाया जाता है, जो 2% से 25% तक होता है। स्किल बेस्ड गेम्स में भी फ़ैंटेसी गेम्स पर कारोबारी मॉडल और फॉर्मेट में अंतर के कारण स्किल के दूसरे गेम्स की तुलना में अधिक टैक्स लगाया जाता है। यह भारत की पिछली जीएसटी व्यवस्था के समान है, जिसमें दूसरी डिजिटल सेवाओं की तरह ऑनलाइन गेमिंग पर प्लेटफ़ॉर्म फीस का 18% टैक्स लगाया गया था। फ्रांस ने सबसे बेहतर अंतरराष्ट्रीय प्रणालियों के साथ तालमेल बिठाने और यूजर्स को अवैध ऑफशोर प्लेटफ़ॉर्म पर जाने से रोकने के लिए कुल पूल की गई राशि पर कर लगाने के बजाय प्लेटफ़ॉर्म फीस पर कर लगाने का फैसला लिया है।
इसके अलावा, स्किल बेस्ड गेम्स के लिए परमिट, लाइसेंस या व्हाइटलिस्टिंग की जरूर नहीं होती है और ये काफी हद तक बिना लाइसेंस के होते हैं। दूसरी ओर संभावनाओं पर आधारित गेम या तो अवैध होते हैं या लाइसेंस प्राप्त और रेग्युलेट होते हैं। इस स्टडी में शामिल 12 देशों में से 9 में फैंटेसी गेम्स के लिए संबंधित अधिकारियों से परमिट या लाइसेंस की आवश्यकता हो सकती है। रोमानिया, ब्राजील और जर्मनी इसके अपवाद हैं। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि ग्लोबल गेमिंग इंडस्ट्री में रेग्युलेटरी नजरिए और कर निर्धारण प्राणाली में गेम के फॉर्मेट के आधार पर भिन्नता पाई जाती है। ये अंतर इस बात पर निर्भर करता है कि किसी गेम को संभावनाओं के गेम, फैंटेसी गेम या स्किल-बेस्ड गेम के रूप में किसमें वर्गीकृत किया गया है।
रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि प्लेटफ़ॉर्म रेवेन्यू या वसूले गए कमीशन को टैक्स के आधार के रूप में अपनाना न केवल निष्पक्ष टैक्स सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है, बल्कि बिना रेगुलेशन वाले, कर-मुक्त अवैध ऑफशोर बाजारों के फैलाव को रोकने के लिए भी जरूरी है, जिनका फैलाव इंडस्ट्री के अस्तित्व और सरकारी रेवेन्यू दोनों को कमजोर कर सकते हैं। रिपोर्ट भारत में टैक्स प्रावधान के लिए अधिक समझदारी भरे नजरिए की भी वकालत करती है। ग्लोबल सिस्टम के साथ तालमेल बिठाने से बहुत हाई टैक्स के जोखिमों को कम करने और ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर के सतत विकास को सपोर्ट करने में मदद मिल सकती है। इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर में एकरूपता नहीं है और वैश्विक स्तर पर इसे फॉर्मेट के आधार पर उप-वर्गीकृत करके टैक्स लगाया जाता है और रेग्युलेट किया जाता है। दुनिया में इस सेक्टर का रेग्यूलेशन और टैक्सेशन मनीटाइजेशन मॉडल के आधार पर नहीं होता। इस सेक्टर के बारे में यह समझ गेमिंग इंडस्ट्री के विकास को गति देगी और लंबे समय में भारी मात्रा में जीएसटी रेवेन्यू हासिल करने में सहायक होगी। रिपोर्ट का निष्कर्ष है कि स्किल गेम और संभावनाओं के गेम में अंतर करने और ग्लोबल मानदंडों के मुताबिक स्किल बेस्ड ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर पर प्लेटफ़ॉर्म फी के आधार पर कर लगाने की तत्काल जरूरत है।
USISPF के प्रेसिडेंट और सीईओ डॉ. मुकेश अघी ने कहा “भारत के गेमिंग सेक्टर में अमेरिका का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस सेक्टर में आए 2.5 बिलियन डॉलर के कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में से 1.7 बिलियन डॉलर अकेले अमेरिका से आए हैं। यह वैश्विक निवेशकों के भारत के तेजी से बढ़ते गेमिंग बाजार में गहरे विश्वास को दर्शाता है। भारत के गेमिंग मार्केट के 2034 तक 60 बिलियन डॉलर पहुंचने का अनुमान है। खास बात ये है कि इस FDI का 90% हिस्सा पे-टू-प्ले सेगमेंट में आया है, जो इस सेक्टर के कुल वैल्यूएशन का 85% है। 600 मिलियन से अधिक गेमर्स के साथ, इस क्षेत्र का तेजी से मॉनीटाइजेशन किया जा रहा है। इसमें निर्यात के पर्याप्त अवसर भी हैं। हालांकि, भारतीय कंपनियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए उदार और प्रगतिशाल कर और नियामक नीतियों के साथ एक समान अवसरों वाले खेल के मैदान की जरूरत है जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हो। ग्लोबल गेमिंग बाजारों के हमारी बेंचमार्किंग से पता चलता है कि अन्य देशों ने फॉर्मेट के आधार पर गेमिंग इंडस्ट्री को कैसे विभाजित, परिभाषित, कर और विनियमित किया है। यह स्पष्ट है कि, ग्लोबल स्तर पर स्किल गेमिंग और संभावनाओं के गेम के बीच एक अंतर पाया जाता है। इसके तहत स्किल बेस्ड गेम्स को अक्सर बेहतर ट्रीटमेंट मिलता है। इसके अलावा, स्किल बेस्ड गेम्स के भीतर भी, अलग-अलग कारोबारी मॉडलों के आधार पर सही रेग्युलेटरी ढ़ाचा बनाने लिए सब-कैटेगरी बनाई जाती है। इन जानकारियों को साझा करने से यह तय करने में मदद मिलेगी कि भारत का गेमिंग उद्योग निवेशकों का विश्वास बनाए रखते हुए अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच सके।”
टीएमटी लॉ प्रैक्टिस के पार्टनर अभिषेक मल्होत्रा ने कहा “भारत में ऑनलाइन गेमिंग पर जो टैक्स लगाए जाते हैं और जो नियम बनाए गए हैं, वे सभी एक जैसे नहीं हैं। इससे इस उद्योग को बढ़ने में बहुत मुश्किल होती है। इसके अलावा, भारत में स्किल-बेस्ड गेम्स (जिनमें जीतने के लिए कौशल की जरूरत होती है) और लक-बेस्ड गेम्स (जिनमें जीतने के लिए सिर्फ किस्मत का खेल होता है) को एक ही श्रेणी में रखा जाता है। इससे नए तरह के गेम बनाने और दूसरे देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में बहुत दिक्कत होती है। भारत में ऑनलाइन गेमिंग के लिए ऐसे नियम बनाए जाने चाहिए जो दुनिया के दूसरे विकसित देशों में बनाए गए नियमों की तरह हों। इन नियमों को बहुत ही सावधानी से बनाया जाना चाहिए ताकि सभी को समझ आ जाए कि क्या करना है और क्या नहीं। इन नियमों से भारत में ऑनलाइन गेमिंग का उद्योग बहुत तेजी से बढ़ेगा। अगर नियम अच्छे होंगे तो विदेशी कंपनियां भी भारत में निवेश करेंगी। भारत एक विश्वस्तरीय ऑनलाइन गेमिंग केंद्र बन सकता है।”
यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) के विषय में: यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच मजबूत साझेदारी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। वाशिंगटन, डी.सी. और नई दिल्ली में यूएस-इंडिया साझेदारी को मजबूत करने के लिए समर्पित एकमात्र स्वतंत्र गैर-लाभकारी संस्था के रूप में, यूएसआईएसपीएफ व्यवसायों, गैर-लाभकारी संगठनों, प्रवासी समुदाय और भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकारों के लिए भरोसेमंद भागीदार है।
TMT लॉ प्रैक्टिस के विषय में : TMT लॉ प्रैक्टिस एक जानी मानी लॉ फर्म है जो तेजी से बदलते और विकसित हो रहे टेक्नोलॉजी, मीडिया और दूरसंचार (टीएमटी) क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखती है। अपनी गहन विशेषज्ञता के लिए प्रसिद्ध, यह फर्म ऑनलाइन गेमिंग, साइबर सुरक्षा, IoT और AI जैसे उभरते उद्योगों के लिए व्यापक कानूनी समाधान प्रदान करती है।