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6 में से 1 व्यक्ति डायबिटीज से पीड़ित, स्वस्थ रहने 80 के इस मूल मंत्र को अपनाएं – डॉक्टर पी सी मनोरिया

हृदय एवं मधुमेह पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन

भोपाल। ISCDEE & CC के तत्वावधान में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (मिंटो हॉल), भोपाल में आरंभ हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मालती राय, महापौर भोपाल ने कहा कि लोगों को जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों जैसे मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, दिल का दौरा आदि से बचने के लिए स्वस्थ जीवन शैली अपनानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि जहां तक संभव हो सभी को सस्ती दरों पर चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए। डॉक्टरों को ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपनी सेवाएँ देनी चाहिए ताकि हमारे देश के ग्रामीण स्वास्थ्य में सुधार हो सके। आयोजन अध्यक्ष डॉ. मनोरिया ने कहा कि भारत में जीवनशैली से जुड़ी बीमारियाँ चिंताजनक रूप से महामारी का रूप ले रही हैं। 3 में से 1 भारतीय को उच्च रक्तचाप है, 6 में से 1 को मधुमेह है, 5 में से 2 को तम्बाकू की लत है और 3 में से 1 को उच्च कोलेस्ट्रॉल है। इन बीमारियों से बचने और 80 साल तक स्वस्थ जीवन जीने के लिए नीचे बताए गए 80 के मूल मंत्र का पालन करना होगा।

1. कमर का घेरा-80 cm

हृदय की धड़कन-80/min.

2. ब्लड शुगर-80 mg

अल्कोहल तीन दिन में- 80 ml. से अधिक नहीं

3. नीचे का ब्लड प्रेशर- 80 mm Hg

स्वयं को रोजाना-80 min दें

4. LDL कोलेस्ट्राल-80 mg

मुस्कुराएं -80 बार एक माह में

5. धूम्रपान करने वालों से दूरी- 80 मीटर

6 . दूषित वातावरण- 80 db से ज्यादा से बचें

6. सैर करना-

80 min. तीन दिन में 12.

हार्ट अटैक लकवा रोगी-80 mg. asprin एवं atorva

डॉ. बी.सी. श्रीनिवास बैंगलुरू ने इलाज के बारे में अपने अनुभव साझा किये। डॉ. खुशरव बजन मुम्बई ने सीपीआर के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहा कि प्रत्येक नागरिक को सीपीआर का अभ्यास करना चाहिये।साथ ही कार्यक्रम में प्रदेश स्तर के 8 चिकित्सकों को Award of excellence in communityservices से नवाजा गया एवं देश के 11 चिकित्सकों को Cardiometaboloic Medicine की फैलोशिप प्रदान की गयी। डॉ. पंकज मनोरिया ने कहा कि इंट्रावास्कुलर अल्ट्रासाउंड (आईवीयूएस) और ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी (ओसीटी) के उपयोग से इमेज निर्देशित एंजियोप्लास्टी का एक नया युग शुरू हो गया है और उत्कृष्ट परिणाम दे रहा है। इस तकनीक से, धमनी में स्टेंट के इष्टतम स्थान का आसानी से मूल्यांकन किया जा सकता है।इसके अलावा, दिल्ली के प्रसिद्ध कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. आलोक मोदी मुम्बई ने Artificial Intelligence पर कार्यक्रशाला का आयोजन किया एवं डॉ. एन भावाथरिनी चैन्नई ने इंसुलिन इंजेक्शन के बारे में बहुत ही उपयोगी जानकारी प्रदान की।इस कार्यक्रम में बड़े पैमाने पर देश भर के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और इसकी व्यापक सराहना की गई। डॉ. एस के पराशर ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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