मनुष्य के अंदर सभी गुण हैं आवश्यकता है उन्हें जानने की
भोपाल। सरोजिनी नायडू शासकीय कन्या स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय भोपाल में हिन्दी विभाग द्वारा भारत में सहिष्णुता विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। यह आयोजन भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के अन्तर्गत किया गया। व्याख्यान हेतु मुख्य वक्ता के रूप में डा राजेश श्रीवास्तव जी निदेशक रामायण कला केन्द्र तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी तीर्थ स्थान एवं मेला प्राधिकरण मप्र शासन उपस्थित थे । उन्होंने छात्राओं के लाभार्थ अत्यंत ही सारगर्भित और ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि ज्ञान का अर्थ है तर्क के साथ जानना ,धैर्य और सहनशीलता का गुण छात्राएँ अंतरमन की प्रेरणा से विकसित कर सकती हैं, क्योंकि सहनशीलता की आवश्यकता जीवन में प्रत्येक पल होती है, मनुष्य के अंदर सभी गुण हैं आवश्यकता है उन्हें जानने की।इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य डा दीप्ति श्रीवास्तव ने अपने महत्वपूर्ण उद्बोधन में कहा कि हम सौभाग्यशाली है कि हमारी ज्ञान परंपरा इतनी श्रेष्ठ है
हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष डा कीर्ति शर्मा ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा हमारी संस्कृति की संवाहक है तथा मानव मूल्यों की प्रेरणा देती है, अतः छात्राएँ इस परंपरा की प्रेरणा से अपने जीवन में मानव मूल्यों को अपना सकती है।इस अवसर पर समन्वयक डा पी के खरे तथा शिक्षक गण और छात्राएँ उपस्थित थीं।