संपादकीय

ऑस्ट्रेलिया-इंडिया के बीच होने वाला सेमीफाइनल ही फाइनल है

 

आगामी 4 मार्च को दुबई में ऑस्ट्रेलिया और इंडिया के बीच होने वाला सेमीफाइनल ही चैंपियन ट्रॉफी का असली फाइनल होगा. क्योंकि यदि इंडिया टीम सेमीफाइनल में साउथ अफ्रीका से भिड़ती तो इंडिया के जीत के योग 90% थे, लेकिन अब उसे ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम से सामना करना होगा। ऑस्ट्रेलिया वैसे भी पहले से एक मजबूत टीम है। ऑस्ट्रेलिया के पास अच्छे बल्लेबाज, गेंदबाज और फील्डर है। वह मैच को किसी भी रुख पर ले जा सकती है। इंडिया टीम की सफलता तभी निर्भर है जब उसके बल्लेबाज चल जाए। इसलिए इंडिया टीम को कड़ी मेहनत करना होगी। अब सवाल यह उठता है कि इंडिया की टीम इलेवन कैसी होगी ? क्या कोई इसमें चेंज होगा? क्योंकि दुबई की पिच स्पिनर को सहयोग कर रही है तो टीम इंडिया में बदलाव की संभावना कम है । चार स्पिनर रखकर मैच खेलना होगा । फास्ट बॉलर शमी और हार्दिक पांड्या पहले से मौजूद हैं। दोनों का परफॉर्मेंस भी अच्छा रहा है। बल्लेबाज अपनी जगह फिट है। ऋषभ पंत को मौका नहीं दिया जा सकता, क्योंकि केएल राहुल बढ़िया प्रदर्शन कर रहे हैं । उन्हें इन्टरनेशनल स्तर का अनुभव भी है। एक प्रश्न अवश्य उठता है कि क्या स्पिनर रविन्द्र जडेजा की जगह हर्षित राणा को टीम में लिया जाए ,लेकिन यह सब कुछ स्पिनर को सपोर्ट कर रही पिच के कारण संभव नजर नहीं आ रहा है। जडेजा को रखना भी मजबूरी हो गई है, क्योंकि वे विषम परिस्थिति में काम आने वाले बल्लेबाज भी हैं। जिनसे एक दो विकेट के अलावा 20 से 30 रन की उम्मीद भी की जा सकती है । बोलिंग के कारण उनकी जगह उचित है। कुलदीप यादव और अक्षर पटेल अपनी जगह बेहतर है । वरुण चक्रवर्ती ने आज के मैच में 5 विकेट चटकाए हैं तो उन्हें रखना भी जरूरी है। आज जब मैंने इंडिया- न्यूजीलैंड का पूरा मैच देखा तो यह पाया कि दोनों टीम इस तरह खेल रही थी कि जैसे उन्हें हारना ही हो। क्योंकि न्यूजीलैंड के एक को छोड़ शेष बल्लेबाज लापरवाही से खेलते पाए गए। इसका फायदा भारतीय गेंदबाजों ने उठाया । दोनों ही चाह रहे थे कि हारकर वे सेमी फाइनल में साउथ अफ्रीका को हराकर फाइनल में पहुंच जाए। इंडिया टीम ने भी यही सोचा कि यदि वह फाइनल में भी पहुंचती है तो उसका मुकाबला वैसे भी ऑस्ट्रेलिया से होना है तो क्यों न सेमीफाइनल में ही उससे मुकाबला कर लिया जाए जो उचित भी है। अब सवाल यह उठता है कि सेमीफाइनल में भारत का प्रदर्शन कैसा होगा ?? तो मेरा मत है कि यदि भारत को पहले बल्लेबाजी मिलती है और वह 270 से अधिक रन बनाता है तो उसके जीतने के चांसेस 60% हो जाएंगे और यदि भारतीय बल्लेबाज 200 रन के आसपास ही निपट गए तो उसकी हार निश्चित है । दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया यदि ढाई सौ के आसपास रन बनाता है तो भारत के जीतने की संभावना 60% हो जाएंगी । अगर ऑस्ट्रेलिया 300 रन के आसपास पहुंचता है तो फिर मुकाबला कड़ा होना सुनिश्चित है ।

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