घोर सरकारी लापरवाही का नतीजा है झालावाड़ स्कूल इमारत का ढहना- ए.आई.डी.एस.ओ.

भोपाल में शब्बन चौराहे पर स्कूल-कॉलेज के छात्रों ने दी मृत छात्रों को श्रद्धांजलि
भोपाल। राजस्थान के झालावाड़ में सरकारी स्कूल की इमारत के ढहने के कारण अब तक 8 बच्चों की दुखद मौत और 28 बच्चे गंभीर रूप से घायल होने की घटना की ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (AIDSO) कड़ी निंदा करता है। भोपाल जिला संयोजक सोनम शर्मा ने कहा यह महज एक दुर्घटना नहीं, बल्कि सरकारी लापरवाही, शिक्षा के प्रति उदासीनता और बुनियादी ढांचे के लिए अपर्याप्त बजट का सीधा परिणाम है। यह घटना हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त गहरे संकट को उजागर करती है। यह त्रासदी एक बार फिर साबित करती है कि सरकारें अपने शैक्षणिक संस्थानों के रखरखाव और सुरक्षा के प्रति कितनी लापरवाह हैं। जर्जर इमारतों, टूटी छतों और असुरक्षित कक्षाओं के बारे में बार-बार चेतावनियाँ दी जाती हैं, लेकिन उन पर ध्यान नहीं दिया जाता। ऐसा लगता है कि बच्चों की सुरक्षा और उनके भविष्य से ज़्यादा कागज़ों पर योजनाएँ बनाने को प्राथमिकता दी जाती है। इस घटना की उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार अधिकारियों व ठेकेदारों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। केवल मुआवजे से काम नहीं चलेगा, जवाबदेही तय करना सबसे महत्वपूर्ण है। भोपाल के बरखेड़ा भेल के पीएम श्री स्कूल के छत का प्लास्टर गिरने से दो छात्राएं और शिक्षिका घायल हो गई , सीहोर में शौचालय की कमी के कारण छात्राओं को बाहर शौच जाने के कारण एक बालिका के साथ बलात्कार की घटना हुई। और यह सिर्फ एक-दो स्कूल की हालत नहीं है। देश भर के कई सरकारी स्कूल आज भी जर्जर और असुरक्षित इमारतों में चल रहे हैं, जहां बच्चों को जान जोखिम में डालकर पढ़ना पड़ता है। झालावाड़ की घटना सिर्फ एक उदाहरण है। अधिकांश सरकारी स्कूलों में पीने का साफ पानी, शौचालय, और सुरक्षित कक्षाएँ जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नदारद हैं। बजट में शिक्षा के लिए आवंटन हर साल कम होता जा रहा है, जिससे स्कूलों के रखरखाव, मरम्मत और नए निर्माण के लिए धन की भारी कमी बनी रहती है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि शिक्षा सरकार की प्राथमिकताओं में सबसे नीचे है।जबकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के चलते जर्ज़र बल्डिंग को कारण बता कर कई राज्यों में स्कूलों को बंद किया जा रहा है।
अतः हम मांग करते हैं की,
1) झालावाड़ की इस घटना की निष्पक्ष जाँच कराई जाये व जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ तत्काल आपराधिक कार्रवाई की जाए।
2) देश भर के सभी सरकारी स्कूलों की इमारतों का व्यापक और समयबद्ध सुरक्षा ऑडिट कराया जाए।
3) सभी असुरक्षित स्कूल भवनों की तत्काल मरम्मत अथवा पुनर्निर्माण किया जाए।
4) शिक्षा बजट मे पर्याप्त वृद्धि की जाए, ताकि स्कूलों में सुरक्षित और आधुनिक बुनियादी ढांचा सुनिश्चित किया जा सके।
5) सभी मृत व घायल बच्चो को पर्याप्त मुआवजा दिया जाये।
हम आम जन साधारण सहित सभी छात्रों शिक्षकों अभिभावकों से अपील करते हैं की इस दिल दहला देने वाली घटना के खिलाफ, बच्चों के सुरक्षित भविष्य और सार्वजानिक शिक्षा को बचाने आगे आएं।