
पाकिस्तान और चीन ने UNSC में बीएलए और मजीद ब्रिगेड को आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव रखा, लेकिन अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने वीटो लगाकर इसे रोक दिया. इस तरह से भारत के तीन दोस्तों ने पाकिस्तान की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.
पाकिस्तान और चीन सदाबहार दोस्त हैं. दोनों सुख-दुख के साथी हैं. नापाक मंसूबों को पूरा करने को एक-दूसरे की मदद करते रहते हैं. संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को अक्सर चीन से दोस्ती का लाभ मिलता रहा है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का चीन स्थायी सदस्य है. इसी का फायदा उठाकर पाकिस्तान ने एक प्लान बनाया. वह प्लान था आजाद बलूचिस्तान की मांग कर रहे बीएलए यानी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और मजीद ब्रिगेड को आतंकी संगठन घोषित करने की. पाकिस्तान और चीन चाहते थे कि बीएलए और मजीद ब्रिगेड को यूएनएससी में ग्लोबल टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन घोषित कर दिया जाए. मगर भारत के दोस्तों ने उसके प्लान पर पानी फेर दिया.
दरअसल, कहानी यह है कि पाकिस्तान में शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर की जोड़ी बीएलए और मजीद ब्रिगेड पर बैन लगाने के फिराक में थी. इसमें पाकिस्तान का साथ देने के लिए चीन था. चीन के साथ मिलकर पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और मजीद ब्रिगेड को बैन करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया. मगर यहां भारत के दोस्तों के सामने चीन की नहीं चली.
कैसे भारत के दोस्तों ने बिगाड़ा खेल